विस्तृत समाचार :
शिमला। प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) शिमला में जल्द ही 300 नई स्टाफ नर्सों की तैनाती की जाएगी। यह भर्ती आउटसोर्सिंग मॉडल के तहत की जा रही है। हाल ही में राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद स्वास्थ्य विभाग ने तीन कंपनियों को यह टेंडर आवंटित कर दिए हैं। इससे आईजीएमसी समेत टांडा, हमीरपुर और नेरचौक मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी को दूर किया जाएगा।
आउटसोर्स के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया शुरू
स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा ने बताया कि आईजीएमसी में नर्सों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही बाकी मेडिकल कॉलेजों में भी रिक्त पद भरे जाएंगे। इससे अस्पतालों में मरीजों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी और मौजूदा स्टाफ पर काम का दबाव कम होगा।
अस्पतालों में नर्सों की भारी कमी
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार मरीज और नर्स का अनुपात 1:2 से 1:5 होना चाहिए। लेकिन हिमाचल प्रदेश के अस्पतालों में यह अनुपात 1:15 से 1:18 तक है। विशेष रूप से आईसीयू और सीसीयू में जहां 1-2 मरीजों पर एक स्टाफ नर्स होनी चाहिए, वहां 3-4 मरीजों पर एक नर्स तैनात है। इससे नर्सों को छुट्टियों तक का लाभ नहीं मिल पा रहा।
Read this : 👉 Himachal University Shastri Final Year Result 2025: सोलन की पलक शर्मा टॉपर, जानिए मेरिट लिस्ट और सफलता की कहानी
मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार को स्टाफ की कमी पर विस्तृत रिपोर्ट सौंपते हुए कहा है कि अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या तो बढ़ा दी गई है लेकिन उसके अनुसार स्टाफ नर्सों की संख्या नहीं बढ़ाई गई। इसी वजह से आईजीएमसी सहित अन्य मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ की कमी के चलते स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ रहा है।
सरकार का प्रयास – आउटसोर्स से भरे जाएंगे पद
सरकार ने अब इस कमी को दूर करने के लिए आउटसोर्स के जरिये 300 स्टाफ नर्सों की भर्ती का रास्ता खोला है। इससे जहां मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी वहीं स्टाफ का कार्यभार भी संतुलित होगा।