आज का हिन्दू पंचांग – 28 मार्च 2025
दिन: शुक्रवार
विक्रम संवत्: 2081
अयन: उत्तरायण
ऋतु: बसन्त
मास: चैत्र
पक्ष: कृष्ण पक्ष
तिथि: चतुर्दशी शाम 07:55 तक, तत्पश्चात अमावस्या
नक्षत्र: पूर्व भाद्रपद रात्रि 10:09 तक, फिर उत्तर भाद्रपद
योग: शुक्ल रात्रि 02:07 तक, फिर ब्रह्म योग
राहुकाल: सुबह 11:13 से दोपहर 12:45 तक
सूर्योदय: 06:36
सूर्यास्त: 06:54
दिशा शूल: पश्चिम दिशा
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:20 से 01:09 तक
ब्राह्ममुहूर्त: प्रातः 05:02 से 05:49 तक
निशिता मुहूर्त: रात्रि 12:21 से 01:08 तक
अमावस्या का धार्मिक महत्व
अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है। इस दिन पितृ तर्पण, श्राद्ध और पूजा-पाठ करने से पितृदोष की शांति होती है।
श्रीमद्भगवद्गीता के सातवें अध्याय का पाठ करने और सूर्य को अर्घ्य देने का विशेष पुण्य फल मिलता है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, अमावस्या के दिन पेड़-पौधों को नुकसान पहुँचाना वर्जित है, क्योंकि इससे ब्रह्महत्या का पाप लगता है।
अमावस्या पर गरीबी दूर करने का शास्त्रीय उपाय
यदि आर्थिक तंगी, बेरोजगारी या धन की कमी का सामना कर रहे हैं, तो अमावस्या पर विशेष आहुति प्रयोग करने से लाभ हो सकता है।
आहुति प्रयोग की सामग्री:
काले तिल
जौ
चावल
गाय का घी
चंदन पाउडर
गूगल
गुड़
देशी कपूर
गौ चंदन या कंडा
विधि:
किसी बर्तन में गौ चंदन या कंडे रखकर हवन कुंड तैयार करें।
सभी सामग्री को मिलाकर आहुति देने के लिए तैयार कर लें।
घर के सभी सदस्य एकत्रित हों और नीचे दिए गए मंत्रों के साथ 5 आहुतियां दें।
आहुति मंत्र:
ॐ कुल देवताभ्यो नमः
ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः
ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः
ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः
ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः
इस उपाय को करने से स्वास्थ्य, समृद्धि और मन की प्रसन्नता प्राप्त होती है।
अमावस्या पर करने योग्य कार्य
पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध करें।
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें।
श्रीमद्भगवद्गीता का सातवाँ अध्याय पढ़ें और उसका पुण्य पितरों को अर्पण करें।
अमावस्या पर वर्जित कार्य
पेड़-पौधों को क्षति न पहुँचाएं।
खेती का कार्य न करें और न ही किसी मजदूर से करवाएं।
दूसरों का अन्न ग्रहण करने से बचें।



