दैनिक जनवार्ता नेटवर्क
शिमला। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) का वार्षिक अधिवेशन राजधानी शिमला में आयोजित किया गया। अधिवेशन के दौरान भारतीय उद्योग परिसंघ के निवर्तमान अध्यक्ष नवेश नरूला ने कहा कि प्रदेश में उद्यमियों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। हिमाचल प्रदेश में ट्रांसपोर्टेशन एशिया की सबसे महंगी ट्रांसपोर्टेशन है। वहीं, बिजली की बात करें तो हरियाणा, उत्तराखंड और पंजाब से महंगी हो गई है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में उद्योगों की हालत ऐसी हो चुकी है कि तालाबंदी की नौबत आ गई है। यहां से उद्योग पलायन को विवश हो रहे हैं। प्रदेश में सड़क, रेल और वायु सम्पर्क के साधन न होने के कारण उत्पादन लागत बढ़ने से उद्यमियों को नुकसान हो रहा है और वो बाजारी प्रतिस्पर्धा में अन्य राज्यों के उद्योगों से पिछड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि फायर एनओसी और धारा 118 के कड़े प्रावधानों के चलते प्रदेश में निवेश करना मुश्किल हो गया है। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की भारी दरकार है।
इस दौरान भारतीय उद्योग परिसंघ हिमाचल प्रदेश ने आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए नए पदाधिकारियों की नियुक्ति भी की। इसमें दीपन गर्ग को अध्यक्ष और संजय सूरी को उपाध्यक्ष चुना गया है।
नवनियुक्त अध्यक्ष दीपन गर्ग ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में औद्योगिक सरलीकरण, डिजिटल परिवर्तन और कौशल विकास को बढ़ावा देना उनकी प्राथमिकता रहेगा। उन्हें जिस विश्वास के साथ ये पद सौंपा गया है उसी विश्वास के साथ वो अपना दायित्व निभाएंगे।



