श्रीनगर/दिल्ली। अमरनाथ यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। श्रीनगर के दाचीगाम वन क्षेत्र में चलाए गए ऑपरेशन महादेव के तहत सेना ने लश्कर-ए-ताइबा के तीन आतंकवादियों को मार गिराया है। इनमें पहलगाम आतंकी हमले का मुख्य साजिशकर्ता सुलेमान उर्फ आसिफ भी शामिल है।
इस कार्रवाई को सेना की 24 राष्ट्रीय राइफल्स (RR) और 4 पैरा स्पेशल फोर्सेज ने अंजाम दिया। मारे गए अन्य दो आतंकियों की पहचान जिबरान और हमजा अफगानी के रूप में हुई है। जिबरान पिछले साल सोनमर्ग सुरंग हमले में शामिल था।
🔍 कैसे हुआ ऑपरेशन महादेव सफल?
सेना को पहलगाम आतंकी हमले में इस्तेमाल सैटेलाइट फोन की लोकेशन से आतंकियों की मौजूदगी का पता चला। दाचीगाम वन क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधि के संकेत मिलने के बाद घेराबंदी की गई।
जैसे ही आतंकियों को घेरा गया, उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सेना ने तीनों आतंकियों को मार गिराया। मुठभेड़ स्थल से अमेरिका निर्मित M4 असॉल्ट राइफल, AK-सीरीज की दो राइफलें और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ है।
📍 दाचीगाम का सामरिक और धार्मिक महत्व
यह ऑपरेशन जिस क्षेत्र में हुआ वह श्रीनगर से 25 किमी दूर दाचीगाम वन क्षेत्र है, जो महादेव चोटी के पास स्थित है। यह स्थान जबरवान रेंज का हिस्सा है, जिसे धार्मिक रूप से पवित्र माना जाता है। इसलिए इस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन महादेव’ नाम दिया गया।
💬 शहीद लेफ्टिनेंट के पिता ने सेना को किया सलाम
पहलगाम हमले में शहीद हुए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल ने कहा, “मैंने पहले ही कहा था कि सेना एक दिन उन आतंकियों को जरूर मार गिराएगी। यह हमारे वीर जवानों की बहादुरी का प्रमाण है।”
📡 कम्युनिकेशन डिवाइस से लगा आतंकियों का पता
22 अप्रैल, 2025 को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद बरामद कम्युनिकेशन डिवाइस के दोबारा सक्रिय होने से सुरक्षा बलों को आतंकियों की लोकेशन का पता चला। इसी डिवाइस की मदद से सेना ने दाचीगाम में आतंकियों तक पहुंच बनाई और ऑपरेशन को अंजाम दिया।