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नाहन (सिरमौर)। तुलसी माला का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। ऐसे तो मालाएं कई प्रकार की होती हैं, जैसे फूलों, रत्नों, बीजों, धातुओं और चंदन की। कुछ मालाओं को हम आभूषण के रूप में गले में धारण करते हैं, जबकि कुछ मालाएं हाथों से जप करने के लिए भी प्रयोग की जाती हैं।
वहीं, कुछ ऐसी मालाएं होती हैं जो मन की शांति व एकाग्रता के लिए गले में धारण की जाती हैं। इसके लिए अधिकतर तुलसी व रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करते हैं। तुलसी माला का अधिक प्रयोग किया जाता है।
तुलसी माला क्यों पहननी चाहिए? इसके पीछे बहुत से धार्मिक कारण हैं। तुलसी वैष्णव धर्म का प्रतीक बताया गया है। भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए तुलसी की माला को जपा और धारण किया जाता है। तुलसी कृष्ण को प्रिय थी, इसलिए उपासक साधक और वैष्णव धर्म प्रेमी तुलसी की माला का प्रयोग करते हैं।
तुलसी अपने गुणों से कंठ को दुरुस्त रखती है। इसका स्पर्श व दबाव गले, गर्दन और सीने में एक्यूप्रेशर का काम करता है। तुलसी शुद्ध होती है जिसे धारण करके मन व तन की भी शुद्धि होती है। इन्हीं कारणों से तुलसी को धारण करना चाहिए है।