विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार ने अपने पांच दिवसीय सिरमौर प्रवास के दौरान रेणुका विधानसभा क्षेत्र के खाली अछौन और सीऊ गांव में जन समस्याओं को सुना। उन्होंने सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सिंचाई और पेयजल से संबंधित मामलों का मौके पर समाधान किया और अन्य जटिल मुद्दों को संबंधित विभागों को सौंपने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए गेहूं और मक्की की खरीद कीमत बढ़ाने, दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि और मनरेगा मजदूरी ₹300 करने जैसे कदम उठा रही है। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, ग्रामीण और विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
विस्तृत खबर
नाहन (सिरमौर)। विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार ने अपने पांच दिवसीय सिरमौर प्रवास के दौरान आज रेणुका विधानसभा क्षेत्र के खाली अछौन और सीऊ गांव में लोगों की समस्याएं सुनीं। इस जनसंवाद कार्यक्रम में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सिंचाई और पेयजल जैसी मूलभूत आवश्यकताओं से जुड़ी समस्याओं को स्थानीय निवासियों ने उनके सामने रखा।
मौके पर हुआ कई समस्याओं का समाधान
विधानसभा उपाध्यक्ष ने अधिकारियों की मौजूदगी में अधिकांश समस्याओं का निपटारा मौके पर ही किया, जबकि कुछ जटिल मामलों को संबंधित विभागों को सौंपते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि उनका शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जाए।
सरकार की योजनाओं से बदलेगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था
इस दौरान जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार व्यवस्था परिवर्तन के संकल्प के साथ हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देते हुए गेहूं और मक्की को क्रमशः ₹40 और ₹30 प्रति किलो की दर से खरीदने की नीति अपनाई है।
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इसके अतिरिक्त, गाय के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹32 से बढ़ाकर ₹45 प्रति लीटर और भैंस के दूध का ₹47 से ₹55 प्रति लीटर किया गया है। मनरेगा मजदूरी को भी ₹300 प्रति दिन तक बढ़ाया गया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
जनहित में निरंतर कार्यरत सरकार
विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि सरकार आम जनता की समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर है और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से नागरिकों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, ग्रामीण नागरिक और विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।



