नाहन, 29 जुलाई। हिमाचल प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक और समग्र स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। इसी दिशा में आयुष विभाग के अंतर्गत मेडिकल मोबाइल यूनिट (MMU) को जिला सिरमौर के दूरस्थ, दुर्गम और वंचित क्षेत्रों में तैनात किया गया है। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण जनता तक पारंपरिक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना और स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाना है।
💡 दिसंबर 2024 से शुरू हुई सेवा
एमएमयू सेवा दिसंबर 2024 से शुरू की गई थी, जो अब तक सिरमौर जिले में व्यापक रूप से सक्रिय है। यूनिट में आवश्यक दवाइयों, बेसिक लैब टेस्ट उपकरणों के अलावा आयुष चिकित्सा अधिकारी, फार्मासिस्ट, योग प्रशिक्षक और स्वास्थ्य जागरूकता के लिए जरूरी सामग्री उपलब्ध है।
📊 30 से अधिक शिविर, 1500+ से ज्यादा लोगों को लाभ
अब तक जिले भर में 30 से अधिक एमएमयू शिविर लगाए जा चुके हैं, विशेषकर शिलाई विधानसभा क्षेत्र के दुर्गम गांवों को ध्यान में रखकर।
इन शिविरों से कुल 1592 लोग लाभान्वित हुए हैं, जिनमें 497 पुरुष, 756 महिलाएं और 339 बच्चे शामिल हैं।
🧪 क्या-क्या सेवाएं उपलब्ध हैं?
एमएमयू के माध्यम से निम्नलिखित सेवाएं प्रदान की जा रही हैं:
ओपीडी परामर्श, मुफ्त दवाइयों का वितरण, ब्लड प्रेशर, शुगर लेवल जैसे बुनियादी डायग्नोस्टिक टेस्ट, योग सत्र एवं स्वास्थ्य जागरूकता अभियान
📋 डेटा रिकॉर्डिंग और फॉलो-अप
जिला आयुष कार्यालय द्वारा प्रत्येक मरीज की नियमित निगरानी की जा रही है और उनसे फीडबैक भी लिया जा रहा है। इसके अलावा, दैनिक रोगी रिकॉर्ड, दवा उपयोग और सेवा वितरण का डाटा भी सहेजा जा रहा है।
🗣️ अधिकारियों की राय
जिला आयुष अधिकारी डॉ. इंदु शर्मा ने बताया कि आयुष विभाग का उद्देश्य लोगों को घर-द्वार पर पारंपरिक चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि ये शिविर ग्रामीणों के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो रहे हैं और भविष्य में इन्हें जिले के अन्य वंचित क्षेत्रों तक भी विस्तारित किया जाएगा।