नाहन (सिरमौर)। भोजपुरी और हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता राकेश पांडे का 77 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने 21 मार्च 2025 को मुंबई के जुहू स्थित आरोग्य निधि अस्पताल में आखिरी सांस ली। अभिनेता को आईसीयू में भर्ती किया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई। उनके निधन की खबर से बॉलीवुड और भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है।
नाहन से मुंबई तक का सफर
राकेश पांडे का जन्म 9 अप्रैल 1948 को अंबाला, हरियाणा में हुआ था, लेकिन उनका मूल निवास नाहन, जिला सिरमौर (हिमाचल प्रदेश) था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा राजकीय शमशेर हाई स्कूल नाहन से पूरी की। इसके बाद उन्होंने भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (FTII) पुणे से फिल्ममेकिंग की पढ़ाई की और 1966 में संस्थान छोड़कर अभिनय की दुनिया में कदम रखा।
सिनेमा जगत में राकेश पांडे का योगदान
राकेश पांडे ने अपने करियर की शुरुआत 1969 में बसु चटर्जी निर्देशित फिल्म ‘सारा आकाश’ से की, जो राजेंद्र यादव के उपन्यास पर आधारित थी। इस फिल्म में उनकी सादगी भरी अदाकारी को खूब सराहा गया। इसके बाद उन्होंने ‘मेरा रक्षक’, ‘यही है जिंदगी’, ‘वो मैं नहीं’, ‘दो राहा’ और ‘ईश्वर’ जैसी फिल्मों में बेहतरीन अभिनय किया।
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हिंदी फिल्मों के साथ-साथ राकेश पांडे ने भोजपुरी सिनेमा में भी अपनी छाप छोड़ी। उनकी चर्चित भोजपुरी फिल्में ‘बलम परदेसिया’ और ‘भैया दूज’ रहीं, जिनमें उन्होंने अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीता।
टीवी जगत में भी रही खास पहचान
टीवी इंडस्ट्री में भी राकेश पांडे ने नाम कमाया। उन्होंने ‘छोटी बहू’ और ‘दहलीज’ जैसे प्रसिद्ध धारावाहिकों में दमदार अभिनय किया। उनकी अभिनय कला में गहराई और सहजता थी, जो दर्शकों को बेहद पसंद आई।
आधुनिक सिनेमा में भी निभाए महत्वपूर्ण किरदार
बॉलीवुड के नए दौर में भी राकेश पांडे ने अपनी प्रतिभा से लोगों का दिल जीता। उन्होंने ‘दिल चाहता है’ (2001), ‘देवदास’ (2002), ‘लक्ष्य’ (2004) और ‘ब्लैक’ (2005) जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं।
निधन पर फिल्म इंडस्ट्री में शोक
राकेश पांडे के निधन की खबर पर बॉलीवुड और भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के सितारों ने गहरा शोक व्यक्त किया। उनकी अदाकारी को सदैव याद किया जाएगा।
श्रद्धांजलि।



