मणिमहेश यात्रा में बारिश और भूस्खलन ने श्रद्धालुओं की बढ़ाई मुश्किलें

भरमौर (चंबा)। मणिमहेश यात्रा इस बार लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण कठिनाइयों से गुजर रही है। रविवार से जारी भारी बारिश ने हजारों श्रद्धालुओं को भरमौर और इसके आसपास के क्षेत्रों में रोक दिया है। मंगलवार को दिनभर हुई मूसलाधार बारिश ने हालात और भी खराब कर दिए। श्रद्धालु घर वापसी की राह तकते रहे, लेकिन मौसम की मार और अवरुद्ध मार्गों के चलते वे अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाए।
भरमौर प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक इंतज़ाम किए हैं, लेकिन बिगड़े मौसम ने सारी कोशिशों पर पानी फेर दिया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड के लगभग 500 जवान हल से हड़सर तक अलग-अलग पड़ावों पर तैनात हैं। इसके बावजूद, लगातार हो रहे भूस्खलन और रास्तों में गिरते मलबे ने राहत कार्यों को धीमा कर दिया है।
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लंगर समितियों से जुड़े लोग और सेवा दल के सदस्य भी मार्ग अवरुद्ध होने के कारण आगे नहीं बढ़ पा रहे। यही वजह है कि मणिमहेश यात्रा पर आए कई श्रद्धालुओं को भोजन और ठहरने की असुविधा झेलनी पड़ रही है। मंगलवार को खराब मौसम की वजह से भरमौर हेलीपेड से कोई उड़ान भी संभव नहीं हो सकी। इसका सीधा असर फंसे यात्रियों पर पड़ा, क्योंकि हवाई मार्ग ही एकमात्र विकल्प बचा था।
शवों को सुरक्षित रखना प्रशासन के लिए चुनौती
मार्ग अवरुद्ध होने से तीन शव भी बीच रास्ते में फंसे हुए हैं। प्रशासन के सामने उन्हें सुरक्षित रखने और चंबा मेडिकल कॉलेज तक पहुंचाने की चुनौती है। इस संबंध में जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है, लेकिन बारिश और मलबे ने रेस्क्यू कार्य को जटिल बना दिया है।
मलबा हटाने में आ रही मुश्किलें
भरमौर क्षेत्र में बार-बार गिर रहे मलबे ने सड़क बहाली के काम को प्रभावित किया है। विभागीय मशीनरी दिन-रात काम में लगी हुई है, लेकिन हर बार नया भूस्खलन होने से प्रयास बाधित हो रहे हैं। भारी बारिश और पहाड़ी ढलानों से गिरते पत्थरों ने स्थिति और नाजुक बना दी है। इसके कारण मणिमहेश यात्रा पर आए यात्रियों को सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया लगातार धीमी हो रही है।
कलसुई में फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला गया
सोमवार रात को प्रशासन ने विशेष प्रयास करके कलसुई के पास एक लंगर में फंसे मणिमहेश सेवादल भराड़ी के 14 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। उन्हें बिलासपुर के भराड़ी के लिए रवाना किया गया। यह कदम यात्रियों के मनोबल को बढ़ाने वाला रहा, क्योंकि हजारों की संख्या में लोग अब भी अलग-अलग पड़ावों पर फंसे हुए हैं।
मंत्री जगत सिंह नेगी ने किया निरीक्षण
प्रदेश सरकार के मंत्री जगत सिंह नेगी ने मंगलवार को भरमौर गांव का दौरा किया और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों का जायज़ा लिया तथा अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो। उनका कहना था कि मौसम साफ होते ही सभी फंसे श्रद्धालुओं को जल्द से जल्द सुरक्षित निकाला जाएगा।
उम्मीद की किरण
बुधवार को मौसम साफ होने की संभावना जताई जा रही है। अगर ऐसा हुआ तो प्रशासन फंसे हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में सफल हो सकता है। फिलहाल प्रशासन, एनडीआरएफ और स्थानीय लोग मिलकर राहत कार्यों में जुटे हैं। मणिमहेश यात्रा पर निकले श्रद्धालु भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जल्द ही वे अपने घरों तक लौट पाएंगे।
मणिमहेश यात्रा की चुनौतियां
हर साल बड़ी आस्था के साथ मणिमहेश यात्रा पर हजारों श्रद्धालु निकलते हैं। लेकिन इस बार का मौसम यात्रियों की सहनशक्ति और प्रशासन की तैयारी दोनों की कड़ी परीक्षा ले रहा है। लगातार बारिश, भूस्खलन और मार्ग अवरोध ने यात्रा को बेहद कठिन बना दिया है। इसके बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं दिख रही। वे मानते हैं कि कठिनाइयों के बावजूद मणिमहेश यात्रा का महत्व अटूट है और भगवान शिव की कृपा से सभी बाधाएं दूर होंगी।
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