शिमला: हिमाचल प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थल चूड़धार यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। अब चूड़धार जाने वालों को किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा। शिमला वन्यजीव प्रभाग के उप वन संरक्षक ने इस संबंध में एक आधिकारिक अधिसूचना (Notification) जारी कर दी है, जिसमें पहले जारी किए गए शुल्क आदेश को स्थगित करने की घोषणा की गई है।
चूड़धार, जो लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, वहां पूर्व में पर्यावरण और स्वच्छता प्रबंधन के तहत उपयोगकर्ता शुल्क (User Fee) वसूलने का निर्णय लिया गया था। इस निर्णय का उद्देश्य अभयारण्य क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ाना और साफ-सफाई बनाए रखना था। लेकिन इस शुल्क व्यवस्था से स्थानीय समुदायों और तीर्थयात्रियों में विरोध की लहर दौड़ गई थी।
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वन विभाग ने माना है कि श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं को देखते हुए इस पर पुनर्विचार जरूरी था। विभाग ने कहा है कि अब एक विस्तृत और पारदर्शी मॉडल तैयार किया जाएगा, जिसमें धार्मिक यात्रियों को छूट और पर्यटकों के लिए उचित शुल्क प्रणाली लागू की जाएगी। तब तक के लिए पहले लागू किया गया शुल्क आदेश स्थगित रहेगा।
यह निर्णय चूड़धार यात्रा को लेकर लोगों में व्याप्त असंतोष को देखते हुए लिया गया है, और इससे स्थानीय समुदायों और श्रद्धालुओं को बड़ी राहत मिली है।