संक्षिप्त सार
विद्युत उपमंडल कालाअंब में उपभोक्ताओं के 80% विद्युत मीटरों की ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जबकि 1500 उपभोक्ता अभी भी प्रक्रिया में हैं। विभाग ने 31 मार्च 2025 तक शत-प्रतिशत ई-केवाईसी पूरा करने का लक्ष्य रखा है। सहायक अभियंता वीरेंद्र भारद्वाज ने उपभोक्ताओं से समय पर ई-केवाईसी पूरी कराने की अपील की है, ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा से बचा जा सके।
विस्तृत खबर
कालाअंब (सिरमौर)। विद्युत उपमंडल कालाअंब में उपभोक्ताओं के विद्युत मीटरों की ई-केवाईसी (e-KYC) प्रक्रिया तेजी से चल रही है। अब तक लगभग 80 प्रतिशत विद्युत उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी का कार्य पूरा कर लिया गया है, जबकि शेष उपभोक्ताओं को जल्द से जल्द यह प्रक्रिया पूरी करने के लिए विभाग की ओर से अपील की गई है।
7500 उपभोक्ताओं में से 6000 की ई-केवाईसी पूरी
विद्युत विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, विद्युत उपमंडल कालाअंब के अंतर्गत करीब 7500 घरेलू विद्युत उपभोक्ता हैं, जिनमें से 6000 उपभोक्ताओं ने अपनी विद्युत ई-केवाईसी करवा ली है। शेष 1500 उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी अभी प्रक्रिया में है। इनमें अधिकांश ऐसे लोग हैं जो नौकरी या अन्य कार्यों के लिए बाहरी राज्यों या शहरों में रह रहे हैं।
31 मार्च 2025 तक ईकेवाईसी पूरी करने का लक्ष्य
इस संदर्भ में विद्युत उपमंडल कालाअंब के सहायक अभियंता वीरेंद्र भारद्वाज ने बताया कि 31 मार्च 2025 तक शत-प्रतिशत ई-केवाईसी का लक्ष्य पूरा करने के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने उपभोक्ताओं से अनुरोध किया है कि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर अपने विद्युत मीटरों की ई-केवाईसी जल्द से जल्द करवा लें, ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा से बचा जा सके।
ये भी पढ़ें : अमेरिकी डॉलर में कमजोरी के बावजूद सोने की कीमतों में मामूली गिरावट, निवेशकों के लिए खरीदारी का मौका
ई-केवाईसी न कराने पर हो सकती है असुविधा
विभाग की ओर से उपभोक्ताओं को बार-बार सूचित किया जा रहा है, लेकिन फिर भी कुछ उपभोक्ताओं ने यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है। अधिकारियों के अनुसार, यदि कोई उपभोक्ता तय समय में ई-केवाईसी नहीं करवाता है, तो आगे उन्हें बिजली सेवाओं से संबंधित दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
विद्युत विभाग की अपील
विद्युत विभाग ने सभी उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपने विद्युत मीटरों की ई-केवाईसी पूरी करवाएं, ताकि किसी भी प्रकार की बाधा से बचा जा सके और विभाग के लक्ष्यों को समय पर पूरा किया जा सके।



