प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए टोल नाकों की नीलामी प्रक्रिया शुरू की है। चयनित टोल ठेकेदारों को 45 दिनों के भीतर फास्टैग प्रणाली लागू करनी होगी, अन्यथा उनका ठेका निरस्त किया जा सकता है।
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करने वाले वाहनों के लिए फास्टैग टोल भुगतान प्रणाली को अनिवार्य किया जा रहा है। सरकार ने प्रदेश के 55 टोल बैरियरों पर फास्टैग लागू करने की योजना बनाई है, जिससे एंट्री टैक्स भुगतान प्रक्रिया को डिजिटल और सुगम बनाया जा सके।
इस योजना के प्रथम चरण में ऊना, सोलन, बद्दी, कांगड़ा, बिलासपुर और सिरमौर के कुल छह टोल नाकों पर फास्टैग की सुविधा शुरू होगी। इनमें ऊना के महतपुर, सोलन के परवाणु मेन और टिपरा बाईपास, बद्दी, कांगड़ा के कंडवाल, बिलासपुर के गारामोड़ा और सिरमौर का गोविंदघाट टोल नाका शामिल हैं।
फास्टैग लागू होने के लाभ:
✅ टोल प्लाजा पर वाहनों को कम समय लगेगा
✅ लंबी कतारों और ट्रैफिक जाम की समस्या में कमी आएगी
✅ डिजिटल भुगतान से पारदर्शिता और सुविधा बढ़ेगी
प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए टोल नाकों की नीलामी प्रक्रिया शुरू की है। चयनित टोल ठेकेदारों को 45 दिनों के भीतर फास्टैग प्रणाली लागू करनी होगी, अन्यथा उनका ठेका निरस्त किया जा सकता है।
सरकार ने संबंधित विभागों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजना को समय पर लागू किया जाए। हिमाचल प्रदेश में इस डिजिटलीकरण से टोल कलेक्शन प्रणाली को आधुनिक और सुविधाजनक बनाया जा रहा है, जिससे वाहन चालकों को राहत मिलेगी।