बराड़ा, 19 मार्च: हरियाणा पुलिस विभाग की सेफ सिटी टू नारायणगढ़ (अंबाला) टीम ने आईटीआई होली (बराड़ा) में विद्यार्थियों और स्कूल स्टाफ को महिला सुरक्षा और साइबर क्राइम से बचाव के लिए जागरूक किया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व हेड कांस्टेबल अंजू सैनी ने किया, जिन्होंने 112 हेल्पलाइन नंबर, दुर्गा शक्ति एप, पॉक्सो एक्ट और अन्य महिला सुरक्षा उपायों की जानकारी दी।
पॉक्सो एक्ट की जानकारी
हेड कांस्टेबल अंजू सैनी ने बताया कि पॉक्सो एक्ट (Protection of Children from Sexual Offences Act) नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराधों को रोकने के लिए बनाया गया है। इस एक्ट के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के साथ किसी भी प्रकार के यौन शोषण, उत्पीड़न, पोर्नोग्राफी या छेड़छाड़ करने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाती है।
उन्होंने कहा कि यह कानून बच्चों को सुरक्षित माहौल प्रदान करने और अपराधियों को सजा दिलाने के उद्देश्य से लागू किया गया है। कार्यक्रम के दौरान छात्राओं को इस एक्ट के तहत मिलने वाली सुरक्षा और कानूनी अधिकारों के बारे में भी विस्तार से बताया गया।
112 हेल्पलाइन नंबर और दुर्गा शक्ति एप की जानकारी
कांस्टेबल प्रियंका ने 112 हेल्पलाइन नंबर की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह सेवा 24×7 उपलब्ध है। किसी भी आपात स्थिति में नागरिक इस नंबर पर कॉल करके पुलिस, एम्बुलेंस या फायर ब्रिगेड की सहायता ले सकते हैं।
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इसके अलावा उन्होंने दुर्गा शक्ति एप के महत्व को भी बताया, जो विशेष रूप से महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा के लिए लॉन्च किया गया है। इस एप की मदद से महिलाएं एक बटन दबाकर तुरंत पुलिस की सहायता प्राप्त कर सकती हैं।
लाइव डेमोंस्ट्रेशन से मिली व्यवहारिक जानकारी
कार्यक्रम के दौरान छात्राओं को लाइव डेमोंस्ट्रेशन के माध्यम से दिखाया गया कि वे किस प्रकार इन सेवाओं का उपयोग करके अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती हैं। इस दौरान छात्राओं ने अपनी जिज्ञासाओं को भी साझा किया, जिनका पुलिस अधिकारियों ने संतोषजनक उत्तर दिया।
पुलिस विभाग का सराहनीय प्रयास
स्कूल और आईटीआई के शिक्षकों ने हरियाणा पुलिस द्वारा आयोजित इस जागरूकता अभियान के लिए धन्यवाद प्रकट किया और इसे बेहद उपयोगी बताया। शिक्षकों ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम न केवल छात्राओं में आत्मविश्वास बढ़ाते हैं, बल्कि समाज में महिला सुरक्षा को भी सुदृढ़ करते हैं।
आगे भी जारी रहेंगे ऐसे कार्यक्रम
पुलिस विभाग ने बताया कि महिला सुरक्षा को और सशक्त बनाने के लिए आगे भी ऐसे जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। पुलिस का उद्देश्य महिलाओं और छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाना और किसी भी आपात स्थिति में सही कदम उठाने के लिए प्रेरित करना है।



