शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य हित से जुड़े कई बड़े निर्णय लिए गए। इस बार की बैठक मुख्य रूप से हालिया बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और राहत पर केंद्रित रही। मंत्रिमंडल ने विशेष आपदा राहत पैकेज को मंजूरी दी, जिसमें मुआवजा राशि को कई गुना तक बढ़ाया गया है। इसके साथ ही वन संरक्षण, नगरपालिका चुनाव नियमों में संशोधन, स्वास्थ्य संस्थानों में सीटों की वृद्धि और प्रशासनिक ढांचे में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए।
🌧️ आपदा राहत पैकेज में ऐतिहासिक बढ़ोतरी
राज्य मंत्रिमंडल ने मानसून के कारण आई आपदाओं में क्षतिग्रस्त संपत्तियों के लिए मुआवजा राशि में उल्लेखनीय वृद्धि करने का फैसला लिया है:
पूरी तरह क्षतिग्रस्त मकान के लिए मुआवजा ₹1.30 लाख से बढ़ाकर ₹7 लाख किया गया।
आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकान के लिए मुआवजा ₹12,500 से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दिया गया।
दुकान या ढाबा क्षतिग्रस्त होने पर ₹10,000 की बजाय ₹1 लाख मिलेंगे।
किरायेदारों के सामान के नुकसान पर ₹50,000 और मालिकों को ₹70,000 की सहायता।
बड़े दुधारू पशुओं पर मुआवजा ₹37,500 से बढ़ाकर ₹55,000 प्रति पशु कर दिया गया।
बकरी, सुअर, भेड़ व मेमने पर मुआवजा ₹4,000 से बढ़ाकर ₹9,000 प्रति पशु।
कृषि और बागवानी भूमि क्षति पर मुआवजा ₹3,900 से बढ़ाकर ₹10,000 प्रति बीघा।
फसल क्षति पर ₹500 से बढ़ाकर ₹3,000 प्रति बीघा मुआवजा।
गाद निकालने की राशि ₹1,500 से बढ़ाकर ₹6,000 प्रति बीघा कर दी गई।
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राज्य सरकार द्वारा यह राहत पैकेज आपदा प्रभावित परिवारों को पुनर्स्थापित करने और आर्थिक सहयोग देने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
🌲 राजीव गांधी वन संवर्धन योजना को मिली मंजूरी
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने राज्य में वन संरक्षण और वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए ‘राजीव गांधी वन संवर्धन योजना’ को मंजूरी प्रदान की है।
योजना का कुल परिव्यय ₹100 करोड़ रखा गया है, जिसे पांच वर्षों में खर्च किया जाएगा।
योजना में महिला मंडल, युवक मंडल, स्वयं सहायता समूह और अन्य सामुदायिक संगठनों को सक्रिय भागीदारी दी जाएगी।
प्रत्येक संगठन को प्रति हेक्टेयर ₹1.20 लाख तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
जिंदा पौधों की दर के आधार पर अतिरिक्त प्रोत्साहन भी मिलेगा।
🏛️ नगरपालिका चुनाव नियमों में अहम संशोधन
नगरपालिका चुनावों में पारदर्शिता और एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए हिमाचल प्रदेश नगरपालिका चुनाव नियम, 2015 में संशोधन किया गया:
अब चुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना उपायुक्त नहीं बल्कि राज्य चुनाव आयोग द्वारा जारी की जाएगी।
नामांकन प्रक्रिया शुरू होने के बाद वोटर लिस्ट में कोई बदलाव नहीं होगा।
नामांकित सदस्यों को अब निर्वाचित सदस्यों की तरह भारत के संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेने की अनुमति होगी।
🏥 मेडिकल शिक्षा में बड़ा विस्तार, पुलिस और स्वास्थ्य ढांचे को भी मजबूती
मंत्रिमंडल ने आईजीएमसी शिमला और डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में बीएससी रेडियोलॉजी, एनेस्थीसिया और ओटी तकनीक कोर्स की सीटों को 10 से बढ़ाकर 50-50 कर दिया है।
हमीरपुर के धनेटा पीएचसी को सीएचसी में अपग्रेड किया गया।
शिमला के खैरा क्षेत्र में नई पुलिस चौकी की स्थापना की जाएगी।
चंबा जिले में पुलिस चौकी हटली को अब थाना सिहुंता के अधीन किया गया।
🏘️ शहरी निकायों का पुनर्गठन
नगर पंचायत जवाली को नगर परिषद का दर्जा दिया गया।
नगर परिषद सुन्नी को कुछ क्षेत्रों को हटाकर नगर पंचायत घोषित किया गया।
रत्ती-नागचला विशेष क्षेत्र और नेरचौक योजना क्षेत्र का पुनर्गठन।
सोलन की लौहाराघाट उप तहसील को उपमंडल अर्की से नालागढ़ में स्थानांतरित किया गया।
🔓 15 कैदियों की समयपूर्व रिहाई को मंजूरी
राज्य दंड समीक्षा बोर्ड की सिफारिशों के अनुसार 15 सजायाफ्ता कैदियों की समयपूर्व रिहाई को मंजूरी दी गई है। यह निर्णय पहली बार लिया गया है, जिसमें यह शर्त शामिल है कि रिहा किए गए कैदियों का आचरण संतोषजनक रहेगा।
🇮🇳 राजस्व मंत्री के साथ दुर्व्यवहार और तिरंगे के अपमान की निंदा
कैबिनेट ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के सिराज दौरे के दौरान उनके साथ हुए दुर्व्यवहार और कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के अपमान की कड़ी निंदा की। राज्य सरकार ने आमजन से आपदा राहत कोष में उदारतापूर्वक सहयोग देने की अपील की।
🕊️ आपदा से जान-माल की हानि पर जताया शोक, राहत कार्यों में लगे दलों का आभार
राज्यभर में हाल ही में हुई प्राकृतिक आपदा में हुई मानव व संपत्ति क्षति पर मंत्रिमंडल ने गहरा दुख व्यक्त किया।
शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना जताई गई।
NDRF, SDRF, सेना, पुलिस, होमगार्ड, NGO और स्वयंसेवियों के योगदान को सराहा गया।



