नाहन, 07 मई: हिमाचल प्रदेश सरकार किसानों, बागवानों और पशुपालकों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयासरत है। यह बात प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रो. चंद्र कुमार ने जिला सिरमौर के राजगढ़ में आयोजित एक दिवसीय किसान मेले की अध्यक्षता करते हुए कही।
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 90 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निर्भर है और सरकार का उद्देश्य किसानों की आय को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जो प्राकृतिक खेती से उत्पादित फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रदान कर रहा है। इसके तहत गेहूं पर 60 रुपये, मक्की पर 40 रुपये और हल्दी पर 90 रुपये प्रति किलोग्राम समर्थन मूल्य तय किया गया है।
इसके अलावा, प्रदेश सरकार ने गाय के दूध के लिए 51 रुपये और भैंस के दूध के लिए 61 रुपये प्रति लीटर दर तय की है, जिससे पशुपालकों की आर्थिकी को बल मिल रहा है।
प्रो. चंद्र कुमार ने हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार को स्मरण करते हुए कहा कि उन्हीं की दूरदर्शी सोच के कारण प्रदेश आज विकास की राह पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि पच्छाद विधानसभा क्षेत्र नकदी फसलों जैसे टमाटर, अदरक, शिमला मिर्च, मटर, लहसुन और फल उत्पादन (सेब, आड़ू, कीवी) के लिए प्रसिद्ध है।
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कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की कि वे वर्षा जल संग्रहण तालाब बनाएं ताकि सूखे समय में सिंचाई हेतु जल का उपयोग किया जा सके। उन्होंने पारंपरिक खेती के साथ नकदी फसलों की ओर भी ध्यान केंद्रित करने को कहा।
प्रो. चंद्र कुमार ने बताया कि आत्मा परियोजना के तहत सिरमौर जिले में लगभग 11 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 3 करोड़ रुपये की राशि अनुदान के रूप में वितरित की गई है। वहीं कृषि विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं पर कुल 7.64 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं:
मुख्यमंत्री कृषि उत्पादन संरक्षण योजना: 3.16 करोड़ (79 किसानों को लाभ)
कृषि मशीनीकरण उप-योजना: 1.90 करोड़ (119 किसान लाभान्वित)
मुख्यमंत्री कृषि संवर्धन योजना: 1.85 करोड़ (14,295 किसान लाभान्वित)
कृषि मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे खेतों तक जाकर किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी दें, ताकि खेती को लाभकारी बनाया जा सके।
कार्यक्रम के दौरान कृषि विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया तथा प्राकृतिक खेती को अपनाने वाले प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया।
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इस अवसर पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर, कांग्रेस नेत्री दयाल प्यारी, आत्मा परियोजना समिति के अध्यक्ष इंद्र सिंह कंवर, परियोजना निदेशक डॉ. साहब सिंह, उप-निदेशक कृषि डॉ. राजकुमार, उप-निदेशक पशुपालन डॉ. संदीप शर्मा सहित कई गणमान्य व्यक्ति एवं अधिकारी उपस्थित रहे।



