शिमला : हिमाचल प्रदेश में 1 जून से माइक्रोन प्लास्टिक लिफाफों पर पूर्ण प्रतिबंध लगेगा। राज्य सरकार ने यह बड़ा निर्णय पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से लिया है। अब प्रदेशभर में दुकानदार व व्यावसायिक प्रतिष्ठान इन लिफाफों का प्रयोग नहीं कर सकेंगे।
यह भी पढ़ें : सिरमौर में मूसलाधार बारिश और तूफान से जनजीवन प्रभावित, जटौन बैराज के खुले फ्लड गेट
गौरतलब है कि ये माइक्रोन बैग अक्सर ‘मैं प्लास्टिक नहीं हूं’ का दावा करते हैं, लेकिन वास्तविकता में ये नाइलोन, पॉली-विनायल-कार्बोनेट (PVC), पॉलीप्रोपाइलीन और पॉलीस्टाइरीन जैसे रसायनों से बने होते हैं जो पर्यावरण के लिए उतने ही हानिकारक हैं जितना पारंपरिक प्लास्टिक।
सरकार की सख्ती और आदेश
प्रदेश सरकार ने इस दिशा में सख्त कदम उठाते हुए 13 विभागों को कार्रवाई के अधिकार दे दिए हैं, जिनमें राजस्व, पुलिस, शहरी विकास, स्वास्थ्य, वन, पर्यटन, ग्रामीण विकास, उद्योग और अन्य प्रमुख विभाग शामिल हैं। ये टीमें 1 जून के बाद दुकानों में औचक निरीक्षण करेंगी और प्लास्टिक अथवा माइक्रोन बैग पाए जाने पर सख्त जुर्माना व कार्रवाई की जाएगी।
क्यों खतरनाक हैं ये बैग?
इन बैगों को पर्यावरण मित्र कहकर प्रचारित किया जाता है, लेकिन इनका विघटन सामान्य परिस्थितियों में नहीं होता। वैज्ञानिकों के अनुसार इन बैगों को नष्ट करने के लिए 35-40 डिग्री सेल्सियस तापमान कम से कम छह महीने तक आवश्यक होता है। हिमाचल जैसी ठंडी जलवायु वाले प्रदेश में यह संभव नहीं है, जिससे ये बैग मिट्टी में सड़ नहीं पाते और कचरे का ढेर बढ़ता जाता है।
दुकानदारों के पास भरा पड़ा है स्टॉक
प्रदेश में अधिकांश दुकानदार सामान देने के लिए इन एक बार इस्तेमाल में आने वाले कैरी बैग्स का उपयोग कर रहे हैं। इनके स्टॉक बड़े पैमाने पर दुकानों में मौजूद हैं, लेकिन अब इनका उपयोग केवल 31 मई तक ही मान्य होगा। 01 जून से इनका प्रयोग गैरकानूनी होगा।