हिमाचल में बड़े नशा मुक्ति केंद्र की जरूरत: राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल

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Sanjay Gupta
धौलाकुआँ में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल : फोटो DPRO
Highlights
  • राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने हिमाचल में नशा मुक्ति केंद्र बनाने की वकालत, समाज से नशा उन्मूलन में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान
  • सैनिक की तरह नशे को प्रवेश होने से रोकें : राज्यपाल शुक्ल

नाहन (सिरमौर)। राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में नशा मुक्ति केंद्र की अत्यधिक आवश्यकता है। उन्होंने प्रदेश सरकार से नशा उन्मूलन की दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील की। राज्यपाल ने नागरिकों को भी नशा मुक्त समाज बनाने के लिए सतर्कता बरतने का आग्रह किया और परिवारों को जागरूक करने का आह्वान किया।

राज्यपाल सिरमौर जिले के धौलाकुंआ स्थित क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के अंतर्गत खैरी अनुसंधान प्रक्षेत्र में आयोजित किसान मेला एवं नशा उन्मूलन जागरूकता शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने खैरी अनुसंधान प्रक्षेत्र का उद्घाटन किया और विद्यार्थियों की नशा जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

नशा उन्मूलन में समाज की भागीदारी आवश्यक
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में नशे के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें समाज के हर वर्ग की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं और पंचायती राज संस्थाओं से इस अभियान को सफल बनाने में सहयोग करने की अपील की।

राज्यपाल ने यह भी घोषणा की कि अब विश्वविद्यालय स्तर पर हर छात्र को नशा न करने का शपथ पत्र देना होगा। यदि कोई विद्यार्थी नशा करते हुए पाया गया तो उसका प्रवेश रद्द कर दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री के नशा मुक्त भारत अभियान की सराहना
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से हिमाचल प्रदेश में “नशामुक्त हिमाचल अभियान” की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए शिक्षक, माता-पिता और युवाओं को सक्रिय भूमिका निभानी होगी।

नशे की सामाजिक और आर्थिक हानि
राज्यपाल ने कहा कि नशा न केवल व्यक्ति विशेष की समस्या है, बल्कि यह पूरे परिवार और समाज को प्रभावित करता है। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां लोग कृषि और मजदूरी पर निर्भर होते हैं, नशे की लत उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति को कमजोर कर देती है।

किसानों और समाजसेवियों को सम्मानित किया गया
कार्यक्रम में राज्यपाल ने प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया और विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित विभिन्न प्रकाशनों का अनावरण भी किया। उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों की प्रस्तुति देखी और “नमो ड्रोन दीदी” परमजीत कौर से भी संवाद किया।

विशेषज्ञों ने रखे विचार
इस अवसर पर आईसीएआर – केंद्रीय गौवंश अनुसंधान संस्थान, मेरठ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. संजीव वर्मा ने अनुसूचित जाति के उत्थान में संस्थान की भूमिका पर प्रकाश डाला।
अनुसंधान निदेशक डॉ. संजीव चौहान ने राज्यपाल को अनुसंधान केंद्र की गतिविधियों की जानकारी दी।
पुलिस विभाग से राधिका तोमर, स्वास्थ्य विभाग के मनोचिकित्सक डॉ. नवदीप और जिला कल्याण अधिकारी विवेक अरोड़ा ने भी नशा उन्मूलन पर अपने विचार साझा किए।

छात्रों की प्रस्तुति और अनुभव साझा किए गए
कार्यक्रम में हिमालयन इंस्टीट्यूट, काला अंब के छात्रों ने नशे के दुष्प्रभावों पर आधारित लघु नाटिका प्रस्तुत की। इसके अलावा, गणित के अध्यापक अनूप मित्तल ने नशे से बाहर निकलने के अपने अनुभव साझा किए।

पौधारोपण कार्यक्रम
इसके बाद राज्यपाल ने खैरी अनुसंधान केंद्र परिसर में रुद्राक्ष और सिंदूर के पौधे रोपित किए।

कार्यक्रम में राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा, कार्यकारी उपायुक्त एल.आर. वर्मा, पुलिस अधीक्षक निश्चिंत सिंह नेगी, जिला प्रशासन के अधिकारी, गणमान्य व्यक्ति और बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।

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