शिमला: हिमाचल प्रदेश में निजी बस ऑपरेटर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के हालिया बयान पर भड़क गए हैं। उपमुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा था कि रविवार को निजी बसें न चलाने वाले ऑपरेटरों के रूट परमिट रद्द कर दिए जाएंगे। इस बयान के बाद निजी बस ऑपरेटरों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और बसें खड़ी करने की धमकी दी है।
बस ऑपरेटरों की मुख्य मांगें:
टैक्स जमा न करने पर बसें इम्पाउंड करने का विरोध
HRTC पर समान कार्रवाई की मांग
वर्किंग कैपिटल पर सब्सिडी देने का आश्वासन पूरा करने की मांग
हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर यूनियन के महासचिव रमेश कमल ने कहा कि सरकार की दोहरी नीति से बस ऑपरेटरों में आक्रोश है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही सकारात्मक कदम नहीं उठाए, तो यूनियन आर-पार की लड़ाई लड़ेगी।
क्या है मामला.. जानें
नगरोटा बगवां से कांग्रेस विधायक आरएस बाली ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान चंगर क्षेत्र में रविवार को निजी बसें न चलने का मुद्दा उठाया था। इसके जवाब में उपमुख्यमंत्री ने सख्त कार्रवाई की बात कही।
निजी बस ऑपरेटरों का कहना है कि आर्थिक तंगी के कारण वे सरकार से सब्सिडी की मांग कर रहे थे, लेकिन अब तक कोई राहत नहीं मिली। इसके विपरीत, सरकार बसों को इम्पाउंड कर रही है, जबकि सरकारी परिवहन निगम HRTC पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
संभावित प्रभाव और आगे की रणनीति
निजी बस ऑपरेटर यूनियन जल्द ही एक बैठक कर विरोध प्रदर्शन की तिथि तय करेगी। यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं, तो पूरे प्रदेश में बसें खड़ी कर दी जाएंगी, जिससे आमजन को परिवहन सेवाओं में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
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