कालाअंब (सिरमौर)। हिमाचल प्रदेश सरकार के हाल ही में पेश किए गए बजट में लघु और मझले उद्योगों की अनदेखी से उद्योग संचालकों में भारी नाराजगी है। 66 केवी से कम विद्युत भार क्षमता वाले उद्योगों को किसी भी तरह की विद्युत उपदान (सब्सिडी) का लाभ नहीं दिया गया है, जिससे प्रदेश के अधिकांश लघु उद्योग संचालक निराश हैं।
💥90 फीसदी लघु उद्योगों को राहत नहीं
प्रदेश में 90 प्रतिशत उद्योग लघु उद्योगों की श्रेणी में आते हैं, जिनकी विद्युत भार क्षमता 66 केवी से कम है। इन उद्योगों के लिए सरकार ने किसी भी प्रकार की रियायत या प्रोत्साहन की घोषणा नहीं की, जबकि 66 केवी या इससे अधिक भार क्षमता वाले उद्योगों को 40 पैसे प्रति यूनिट की विद्युत उपदान दी गई है।
💥उद्योगपतियों की नाराजगी
लघु और मझले उद्योग संचालकों ने सरकार के इस फैसले पर असंतोष जताया है। उनका कहना है कि सरकार को सभी उद्योगों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए था।
💥अधिनियम 118 पर भी नहीं मिला समाधान
उद्योगपतियों ने यह भी कहा कि अधिनियम 118 के सरलीकरण की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन इस बजट में भी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। इससे निवेश प्रक्रिया में अड़चनें बनी हुई हैं और उद्यमी असमंजस की स्थिति में हैं।
💥मुख्यमंत्री के समक्ष फिर रखेंगे मांगें
उद्योग संचालकों ने स्पष्ट किया है कि वे मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्याओं और मांगों को एक बार फिर से रखेंगे। वे सरकार से समानता के आधार पर सभी उद्योगों को रियायतें देने की अपील करेंगे ताकि छोटे और मझले उद्योगों को भी राहत मिल सके और प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
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