संक्षिप्त सार – हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी और नर्सिंग, कालाअंब में “एडवांसिंग हेल्थ केयर थ्रू ट्रांसलेशनल रिसर्च एंड बायोमाकर्स” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में प्रमुख वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने हेल्थकेयर में ट्रांसलेशनल रिसर्च और बायोमाकर्स की भूमिका पर चर्चा की। सम्मेलन में पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला के प्रो. राजेश कुमार गोयल, एनआईपीईआर, मोहाली के प्रो. संजय जचक, और पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ के प्रो. वी. आर. सिन्हा विशेष अतिथि रहे। इस आयोजन ने छात्रों और शोधकर्ताओं को फार्मास्यूटिकल साइंस में नवीनतम तकनीकों और शोध पद्धतियों से अवगत कराया।

विस्तृत समाचार
कालाअंब (सिरमौर): हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी और हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग, कालाअंब द्वारा “एडवांसिंग हेल्थ केयर थ्रू ट्रांसलेशनल रिसर्च एंड बायोमाकर्स” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में चिकित्सा एवं फार्मास्यूटिकल साइंस के क्षेत्र में प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने भाग लिया और महत्वपूर्ण शोध विषयों पर चर्चा की।
प्रमुख अतिथियों की भागीदारी
इस सम्मेलन में पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला के डीन, फैकल्टी ऑफ मेडिसिन और फार्मास्यूटिकल साइंसेज एवं ड्रग रिसर्च विभाग के पूर्व प्रमुख प्रो. राजेश कुमार गोयल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उनके साथ, एनआईपीईआर, मोहाली के नेचुरल प्रोडक्ट्स विभाग के पूर्व प्रमुख प्रो. संजय जचक और पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ के यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज के पूर्व डीन प्रो. वी. आर. सिन्हा विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
सम्मेलन में प्रमुख विषय
इस राष्ट्रीय सम्मेलन में हेल्थकेयर सेक्टर में ट्रांसलेशनल रिसर्च और बायोमाकर्स की भूमिका पर गहन चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे ट्रांसलेशनल रिसर्च के जरिए दवाओं की प्रभावशीलता बढ़ाई जा सकती है और नई चिकित्सा पद्धतियों का विकास किया जा सकता है। बायोमाकर्स के माध्यम से रोगों की पहचान, निदान और उपचार में तेजी लाई जा सकती है, जिससे मरीजों को अधिक सटीक और प्रभावी चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी।
छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए अवसर
इस सम्मेलन में फार्मेसी और नर्सिंग के छात्रों को शोध और नवाचार के महत्व को समझने का अवसर मिला। विशेषज्ञों ने छात्रों को हेल्थकेयर रिसर्च में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया और उन्हें नवीनतम शोध पद्धतियों से अवगत कराया।
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