संक्षिप्त सार
प्रदेश सरकार की नई विद्युत सब्सिडी नीति से केवल बड़े उद्योगों को लाभ मिलने से कालाअंब के अधिकांश उद्यमी नाखुश हैं। छोटे उद्योगों के प्रतिनिधि इस मुद्दे को लेकर सरकार से वार्ता करने और अपनी मांग रखने की तैयारी कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार छोटे उद्योगों की इस मांग को बजट में संशोधन कर पूरा करती है या नहीं।
विस्तृत समाचार
नाहन (सिरमौर), 17 मार्च 2025: हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा सोमवार को पेश किए गए बजट 2025 में 66 केवी या उससे अधिक विद्युत भार क्षमता वाले उद्योगों के लिए 40 पैसे प्रति यूनिट की विद्युत सब्सिडी देने की घोषणा की गई है। हालांकि, 66 केवी से कम भार क्षमता वाले उद्योगों को इस योजना में शामिल नहीं किया गया, जिससे कालाअंब औद्योगिक क्षेत्र के अधिकांश उद्यमियों में भारी निराशा देखी जा रही है।
केवल दो उद्योगों को मिलेगा लाभ, बाकी 300 उद्यम प्रभावित
जानकारी के मुताबिक, कालाअंब औद्योगिक क्षेत्र में लगभग 250 से 300 छोटे-बड़े उद्योग कार्यरत हैं। इनमें से केवल दो लोहा उद्योग ही 66 केवी से अधिक (132 केवी) विद्युत भार क्षमता की श्रेणी में आते हैं, जिन्हें इस बिजली सब्सिडी का लाभ मिलेगा। वहीं, अन्य सभी उद्योग 33 केवी और 11 केवी श्रेणी में आते हैं, जिनके लिए इस बजट में कोई सब्सिडी नहीं दी गई है।
क्या कहते हैं बिजली विभाग और उद्योगपति?
विद्युत विभाग के सहायक अभियंता वीरेंद्र भारद्वाज ने बताया कि कालाअंब में केवल दो लोहा उद्योग 132 केवी श्रेणी में आते हैं, जबकि अधिकांश उद्योग 11 और 33 केवी श्रेणी के हैं।
कालाअंब के लोहा उद्योग संचालक अशोक सिंघल ने 40 पैसे प्रति यूनिट की विद्युत सब्सिडी मिलने पर प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया। हालांकि, उन्होंने अन्य उद्योगों के लिए भी बिजली दरों में रियायत देने की मांग की है।
छोटे उद्योगों की बैठक बुलाने की तैयारी
छोटे और मध्यम श्रेणी के उद्यमियों ने सरकार के इस निर्णय पर असंतोष जताते हुए जल्द ही बैठक बुलाने का फैसला किया है। वे सरकार से बजट में संशोधन कर 33 और 11 केवी श्रेणी के उद्योगों के लिए भी बिजली सब्सिडी लागू करने की मांग कर सकते हैं।
उद्योगों की मांग – सभी श्रेणियों के लिए समान बिजली राहत
औद्योगिक संगठन और उद्यमी सरकार से सभी उद्योगों के लिए समान बिजली सब्सिडी देने की अपील कर रहे हैं। उनका कहना है कि छोटे और मध्यम उद्योग पहले से ही आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में यदि उन्हें सब्सिडी नहीं दी गई, तो उनके लिए प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो जाएगा।
ये भी पढ़ें
*सिरमौर पुलिस की बड़ी सफलता : एक साल से फरार उद्घोषित अपराधी गिरफ्तार*



