कालाअंब (सिरमौर)। हिमाचल प्रदेश कॉलेज ऑफ लॉ, कालाअंब के छात्रों ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ का शैक्षिक दौरा किया। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य छात्रों को न्यायालय की कार्यवाही का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करना और भारतीय न्यायिक प्रणाली की गहन समझ विकसित करना था।
न्यायिक प्रक्रिया का अवलोकन
दौरे के दौरान छात्रों ने विभिन्न अदालतों में चल रही सुनवाइयों को देखा। उन्होंने न्यायमूर्ति लिसा गिल की अध्यक्षता में कॉर्पोरेट मुकदमेबाजी, न्यायमूर्ति दीपक सुरेशवर ठाकुर की अध्यक्षता में आपराधिक अपील, न्यायमूर्ति दीपक सिब्बल की अध्यक्षता में संवैधानिक मामले और न्यायमूर्ति अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल की अध्यक्षता में सिविल विवादों की सुनवाई का अवलोकन किया।
इस अनुभव ने छात्रों को कानूनी तर्क, न्यायिक प्रक्रिया और न्यायाधीशों के निर्णय लेने की प्रक्रिया को प्रत्यक्ष रूप से समझने का अवसर दिया। उन्होंने यह भी देखा कि किस प्रकार वकील अपने मुवक्किलों की ओर से दलीलें प्रस्तुत करते हैं और न्यायाधीश कानूनी पहलुओं पर विचार करते हैं।
सीखने का अवसर
न्यायालय दौरे के पश्चात, छात्रों ने वरिष्ठ अधिवक्ताओं और कानूनी विशेषज्ञों के साथ एक संवाद सत्र में भाग लिया। इस सत्र में उन्हें कानून की विभिन्न शाखाओं, कानूनी करियर के अवसरों और पेशेवर चुनौतियों के बारे में मार्गदर्शन मिला।
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हिमाचल प्रदेश विधि महाविद्यालय के निदेशक-प्राचार्य प्रो. डॉ. अश्विनी कुमार ने छात्रों को इस अनुभव का अधिकतम लाभ उठाने और व्यावहारिक शिक्षा को अपने अध्ययन में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के शैक्षिक दौरे छात्रों के कानूनी ज्ञान को सुदृढ़ करने और उनके पेशेवर विकास में सहायक होते हैं।
सहायक प्रोफेसरों की भूमिका
इस दौरे में सहायक प्रोफेसर शिल्पा और गायत्री ने छात्रों का मार्गदर्शन किया और उन्हें न्यायिक प्रक्रिया से जुड़ी बारीकियों को समझने में सहायता की। छात्रों ने इस अनुभव को अपने भविष्य के कानूनी करियर के लिए बेहद उपयोगी बताया।