भारत ने बांग्लादेश से आयात पर लगाया बड़ा प्रतिबंध, रेडीमेड कपड़े और खाद्य पदार्थों पर रोक

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Sanjay Gupta
By Sanjay Gupta Add a Comment 3 Min Read
फोटो सांकेतिक : दैनिक जनवार्ता
Highlights
  • भारत का बांग्लादेश को झटका: रेडीमेड कपड़े, खाद्य उत्पादों के आयात पर बंदरगाह प्रतिबंध लागू

नई दिल्ली: भारत ने बांग्लादेश को एक बड़ा झटका देते हुए उसके कुछ प्रमुख उत्पादों के आयात पर बंदरगाह प्रतिबंध लगा दिया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, अब बांग्लादेश से रेडीमेड कपड़े, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ और अन्य विशिष्ट वस्तुओं का भारत में आयात कुछ राज्यों और बंदरगाहों से प्रतिबंधित रहेगा।

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क्या-क्या है प्रतिबंधित:
DGFT की अधिसूचना के अनुसार निम्न वस्तुएं अब भारत में बांग्लादेश से आयात नहीं की जा सकेंगी:

रेडीमेड कपड़े (Ready-made garments) – किसी भी भारतीय बंदरगाह से आयात की अनुमति नहीं।

प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ जैसे बेक्ड आइटम, स्नैक्स, चिप्स और कन्फेक्शनरी।

फल या फल-स्वाद युक्त पेय पदार्थ और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स।

कपास एवं सूती धागे के अपशिष्ट, प्लास्टिक और पीवीसी उत्पाद।

पिगमेंट, डाई, ग्रैन्यूल, लकड़ी के फर्नीचर।

इन वस्तुओं का आयात मेघालय, असम, त्रिपुरा और मिजोरम जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में किसी भी माध्यम से नहीं किया जा सकेगा।

किन वस्तुओं पर नहीं है प्रभाव:
यह प्रतिबंध उन बांग्लादेशी माल पर लागू नहीं होंगे जो भारत के रास्ते होकर नेपाल और भूटान जा रहे हैं।

भारत का रुख क्यों सख्त हुआ?
भारत सरकार ने यह कदम निष्पक्ष व्यापार (fair trade practices) को ध्यान में रखते हुए उठाया है। अधिकारियों के मुताबिक, अब तक बांग्लादेश को भारत के पूर्वोत्तर बाज़ारों तक बिना किसी रोकटोक के पहुंच प्राप्त थी। लेकिन बांग्लादेश भारतीय माल पर 1.8 टका प्रति टन प्रति किमी शुल्क वसूलता है, जबकि उसके घरेलू दर 0.8 टका हैं। यह असंतुलन भारत के लिए नुकसानदायक रहा है।

राजनीतिक पृष्ठभूमि भी बनी वजह
हाल ही में बांग्लादेश के एक वरिष्ठ सलाहकार यूनुस ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को समुद्र से कटा हुआ क्षेत्र कहा था। यह बयान चीन में दिए गए एक भाषण के दौरान आया, जिसे भारत ने राजनयिक रूप से आपत्तिजनक और क्षेत्रीय संप्रभुता को चुनौती देने वाला माना। इस बयान ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया।

बदलाव का असर:
अब बांग्लादेश को अपने निर्यात मार्गों में बदलाव करना होगा। उसका सामान अब न्हावा शेवा (मुंबई) और कोलकाता बंदरगाह से होकर भारत में आएगा, जिससे उसकी लागत और लॉजिस्टिक समय बढ़ सकता है।

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