IPS सुरेंद्र सिंह यादव का ट्रांसफर विवाद: कोर्ट से भी नहीं मिली राहत, अब भेजे गए नक्सल क्षेत्र

दैनिक जनवार्ता - ताज़ा खबर, आपकी नजर

Sanjay Gupta
By Sanjay Gupta Add a Comment 3 Min Read
चंडीगढ़ के पूर्व डीजीपी IPS सुरेंद्र सिंह यादव : फोटो सोशल मीडिया/दैनिक जनवार्ता
Highlights
  • IPS सुरेंद्र सिंह यादव को लगा बड़ा झटका, ट्रांसफर के खिलाफ याचिका खारिज, अब भेजे गए नक्सल विरोधी अभियान छत्तीसगढ़

चंडीगढ़: चंडीगढ़ पुलिस के पूर्व डीजीपी सुरेंद्र सिंह यादव को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। पहले जहां उनका रातोंरात तबादला करके उन्हें चंडीगढ़ से बीएसएफ (BSF) में डीआईजी के पद पर दिल्ली भेजा गया, वहीं अब उन्होंने इस ट्रांसफर के खिलाफ कोर्ट में दाखिल याचिका भी हार दी है। कोर्ट ने सुरेंद्र सिंह यादव की अपील को खारिज कर दिया है, जिससे अब उन्हें छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बीएसएफ के नक्सल विरोधी अभियान मुख्यालय में पदस्थ किया गया है।

Join our whatsapp group 👉 [click here]

एजीएमयूटी कैडर के 1997 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सुरेंद्र सिंह यादव मार्च 2024 में केंद्र सरकार द्वारा चंडीगढ़ के डीजीपी के पद पर नियुक्त किए गए थे। डीजीपी रहते हुए उन्होंने कई कड़े फैसले लिए, जिनमें सबसे प्रमुख था—2763 पुलिसकर्मियों का तबादला, जो पहले वर्षों से एक ही जगह जमे हुए थे। इतना बड़ा तबादला इससे पहले कभी नहीं देखा गया था।

उन्होंने पुलिस थानों में जाकर जनता से सीधी बातचीत की और शिकायतें सुनीं। साथ ही नशा तस्करी और भ्रष्टाचार में संलिप्त पुलिस कर्मियों को जबरन रिटायर करवाया और रिश्वतखोरी के मामलों में कार्रवाई भी की। उनके कठोर कदमों के चलते यूटी पुलिस के अंदर असंतोष बढ़ा और कई जवानों ने वीआरएस के लिए आवेदन तक कर दिया।

यह भी पढ़ें : सीआरपीएफ जवान मुनीर अहमद पाकिस्तानी महिला से गुपचुप शादी पर बर्खास्त, राष्ट्रीय सुरक्षा को बताया खतरा

इतना ही नहीं, कुछ पुलिस जवानों ने सोशल मीडिया पर एक चिट्ठी वायरल की, जिसमें डीजीपी यादव के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। इस मामले में जांच कर तीन जवानों पर केस भी दर्ज कराया गया, हालांकि आगे कोई विशेष कार्रवाई नहीं हुई।

1 अप्रैल की रात को गृह मंत्रालय की ओर से आदेश जारी हुआ जिसमें यादव का तत्काल प्रभाव से बीएसएफ में डीआईजी के पद पर ट्रांसफर कर दिल्ली रिपोर्ट करने को कहा गया। उन्होंने बिना किसी को जानकारी दिए चुपचाप अपना सामान ट्रक में भरकर दिल्ली भेजा और स्वयं भी सुबह दिल्ली रवाना हो गए।

ट्रांसफर आदेशों को चुनौती देते हुए यादव ने कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उन्हें अपने से जूनियर अधिकारी के अधीन नियुक्त किया जा रहा है। मगर कोर्ट ने इस दलील को मानने से इनकार कर दिया और याचिका खारिज कर दी। इसके बाद गृह मंत्रालय ने उन्हें राजस्थान स्थित आईपीएस ट्रेनिंग एकेडमी में ओरिएंटेशन के लिए भेजा और अब उन्हें छत्तीसगढ़ के नक्सल विरोधी अभियान मुख्यालय में डीआईजी के रूप में नियुक्त कर दिया गया है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *