कालाअंब (सिरमौर)।
औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में भीषण गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र का तापमान 39 से 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया है, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हवाओं में लू का असर महसूस किया जा रहा है, जिससे बच्चों, बुजुर्गों और मजदूर वर्ग की परेशानियां काफी बढ़ गई हैं।
स्कूल-कॉलेज जाने वाले बच्चों, खुले में काम करने वाले मजदूरों और आम नागरिकों को लू और हीट स्ट्रोक जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में आयुष विभाग के राजकीय आयुर्वेदिक औषधालय त्रिलोकपुर की चिकित्सा अधिकारी डॉ. अदिति शर्मा और कालाअंब के निजी चिकित्सक डॉ. अजय वर्मा ने गर्मी से बचाव के लिए अहम सुझाव दिए हैं।
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चिकित्सकों के अनुसार, गर्मी के मौसम में लू और हीट स्ट्रोक के कारण मानव शरीर में पानी और लवण (सॉल्ट्स) की भारी कमी हो जाती है। इससे बचने के लिए लोगों को हल्के और सूती कपड़े पहनने, स्वच्छ और पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह दी गई है। नारियल पानी, नींबू पानी (शिकंजी) और ओआरएस के घोल का सेवन भी लाभकारी बताया गया है, जो शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
यदि ओआरएस न मिले तो घर पर भी नमक और चीनी का घोल बनाकर पिया जा सकता है। चिकित्सकों ने यह भी बताया कि गर्मी के मौसम में पानी को उबालकर ठंडा करके पीना अत्यंत जरूरी है ताकि संक्रमण से बचा जा सके।
डॉ. अदिति शर्मा और डॉ. अजय वर्मा ने चेताया कि गर्मी के चलते यदि बुखार, उल्टी, दस्त या अन्य कोई समस्या हो तो स्वयं इलाज न करें, बल्कि तुरंत योग्य चिकित्सक से सलाह लें। उन्होंने कहा कि अप्रैल माह में ही जून जैसी भीषण गर्मी का अहसास हो रहा है। ऐसे में अनावश्यक घर से बाहर निकलने से बचें। यदि बाहर जाना अनिवार्य हो, तो सिर ढककर, छाता लेकर और सूती वस्त्र पहनकर ही निकलें।
विशेषकर स्कूली बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को धूप से बचाव के लिए उचित उपाय करने की सलाह दी गई है। डॉक्टरों ने कहा कि मोटे और हल्के सूती कपड़े पहनने से शरीर को लू के असर से बचाया जा सकता है।