Critical Situation: खैरी नदी में क्रेटवाल से 6 घरों को खतरा, आपदा प्रबंधन अलर्ट

ताज़ा खबर - आपकी नजर

admin
By admin Add a Comment 5 Min Read
खतरे की जद में आए खैरी गांव के घर : दैनिक जनवार्ता

खैरी नदी में क्रेटवाल बनने से गांववासियों पर संकट

कालाअंब (सिरमौर)। उपमंडल नाहन के तहत खैरी नदी में क्रेटवाल बनाये जाने से हो रहे नुकसान का जायजा राजस्व विभाग ने लिया। हाल ही में अपनी निजी भूमि को सुरक्षित करने के लिए एक उद्योग द्वारा खैरी नदी में क्रेटवाल लगाए जाने से नदी का प्राकृतिक बहाव प्रभावित हुआ और पानी का रुख गांव की ओर मुड़ गया। इसका नतीजा यह हुआ कि गांव के आधा दर्जन से अधिक घर अब भू-कटाव और बाढ़ जैसी आपदा के खतरे की जद में आ गए हैं।

खैरी नदी में क्रेटवाल से बदला नदी का बहाव

नदी का प्राकृतिक प्रवाह अगर किसी कृत्रिम संरचना निर्माण द्वारा रोका जाता है, तो उसका असर दूसरे हिस्सों पर पड़ता है। खैरी नदी में क्रेटवाल बनने के बाद पानी सीधा गांव की ओर जाने लगा। ग्रामीणों का कहना है कि जहां उद्योग ने अपने क्षेत्र को सुरक्षित कर लिया, वहीं गांव के घरों, खेतों और बाग-बगीचों को खतरे में डाल दिया।

बरसात का मौसम शुरू होते ही स्थिति और बिगड़ गई है। तेज बहाव से नदी का पानी लगातार मिट्टी काट रहा है। बहरहाल, ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाई कि जल्द से जल्द इस समस्या का हल निकाला जाए, वरना कई परिवार बेघर हो सकते हैं।

प्रशासन हरकत में आया

ग्रामीणों की शिकायत के बाद प्रशासन भी सक्रिय हो गया। तहसीलदार नाहन उपेंद्र चौहान ने त्रिलोकपुर के ग्रामीण राजस्व अधिकारी अंकित पंवार को मौके पर भेजा। उन्होंने प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की। यह रिपोर्ट आपदा प्रबंधन निदेशालय शिमला को भेज दी गई है।

Also Read : Shocking Disaster News: चंबा में भारी बारिश से 85 सड़कें बंद, 1200 गाँवों में पसरा अंधेरा

प्रशासन का कहना है कि खैरी नदी में क्रेटवाल बनने से जो हालात पैदा हुए हैं, उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही तकनीकी टीम को भेजकर स्थायी समाधान खोजा जाएगा।

आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी

आपदा प्रबंधन विभाग की भूमिका ऐसी स्थिति में बेहद अहम हो जाती है। रिपोर्ट निदेशालय को भेजे जाने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही तकनीकी विशेषज्ञों की टीम गांव का दौरा करेगी। विशेषज्ञ यह आकलन करेंगे कि खैरी नदी में क्रेटवाल को किस तरह से मॉडिफाई किया जा सकता है, ताकि उद्योग भी सुरक्षित रहे और गांव भी खतरे से बाहर आ सके।

भू-कटाव क्यों खतरनाक है?

भू-कटाव धीरे-धीरे होने वाली ऐसी आपदा है, जिसका असर लंबे समय तक दिखाई देता है। पहाड़ी क्षेत्रों में नदियों के किनारे बसे गांव अक्सर इसके शिकार बनते हैं। खैरी नदी में क्रेटवाल ने पानी की धार को जिस तरह बदला है, उसने भू-कटाव की रफ्तार को और बढ़ा दिया है। अगर इसे रोका न गया तो भविष्य में सड़क, पुल और अन्य ढांचे भी खतरे में पड़ सकते हैं।

समाधान की दिशा में कदम

प्रशासन ने कुछ संभावित समाधान तलाशने शुरू किए हैं, जिनमें शामिल हैं –

अतिरिक्त सुरक्षात्मक दीवारें बनाना।

नदी की धारा को नियंत्रित करने के लिए तकनीकी उपाय अपनाना।

प्रभावित परिवारों को अस्थायी आश्रय और राहत देना।

लंबे समय के लिए पुनर्वास की योजना बनाना।

ग्रामीणों का मानना है कि अगर सरकार और प्रशासन मिलकर ठोस कदम उठाएं तो इस संकट से बाहर निकला जा सकता है।

निष्कर्ष
साफ है कि खैरी नदी में क्रेटवाल जहां एक उद्योग के लिए सुरक्षा कवच बनी, वहीं गांववासियों के लिए खतरे की घंटी साबित हो रही है। यह घटना इस बात का उदाहरण है कि जब प्राकृतिक संसाधनों से छेड़छाड़ होती है तो उसका खामियाजा स्थानीय लोगों को उठाना पड़ता है। अब उम्मीद है कि प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग जल्द ही इस दिशा ठोस कदम उठाएंगे और ग्रामीणों को राहत मिलेगी।

ये भी पढ़ें : भूकंप से संबंधित जानकारी के लिए यहां click करें!

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *