विस्तृत खबर:
कुल्लू (हिमाचल प्रदेश): जिला कुल्लू में साइबर ठगों की एक और शातिर वारदात सामने आई है, जिसमें एक निजी बस के कंडक्टर को निशाना बनाया गया। शुक्रवार सुबह करीब 8:55 बजे, गड़सा निवासी बस परिचालक महेंद्र को पहले एक मैसेज और फिर एक फोन कॉल आया। कॉल करने वाला खुद को दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन सेल का अधिकारी बता रहा था।
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शातिर ने महेंद्र को बताया कि उसके खिलाफ एक गंभीर केस दर्ज किया गया है, और व्हाट्सएप पर एक फर्जी एफआईआर की कॉपी और एक पुलिस कस्टडी का वीडियो भेजा। इससे महेंद्र घबरा गया। ठगों ने केस रफा-दफा करने के एवज में ₹8200 की मांग की और उसे दो बैंक अकाउंट नंबर व एक QR कोड भी भेजा।
जब महेंद्र ने पैसे ट्रांसफर करने में असमर्थता जताई तो ठगों ने उसे धमकाना शुरू किया। कहा गया कि यदि अभी भुगतान नहीं किया गया तो आगे 2 से 2.5 लाख रुपये का खर्च आएगा और यहां तक कि जमीन बेचनी पड़ सकती है। इस एक घंटे की मानसिक प्रताड़ना के बाद महेंद्र ने साहस दिखाते हुए कुल्लू पुलिस की साइबर सेल से संपर्क किया।
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पुलिस अधिकारियों ने महेंद्र को समझाया कि यह पूरी तरह से फर्जी कॉल और साइबर ठगी है। तत्पश्चात महेंद्र ने संबंधित नंबरों को ब्लॉक किया और पुलिस को सूचना देने के बाद राहत की सांस ली।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव चौहान ने कहा कि साइबर ठग आम लोगों को डराकर व झूठी कानूनी धमकियों से ठगने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी अनजान लिंक या फर्जी कॉल पर भरोसा न करें और ऐसे मामलों की तत्काल सूचना पुलिस को दें।



