मंडी (हिमाचल प्रदेश)।
30 जून की रात को आई भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन ने मंडी जिले के सराज क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। इस त्रासदी से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में पियाला डेजी, रूकचूल और भराड़ गांव शामिल हैं। राहत की बात यह है कि अब राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीम दुर्गम गांव पियाला डेजी तक पहुंचने में सफल हो गई है।
NDRF ने 65 लोगों को किया सुरक्षित रेस्क्यू
NDRF ने विशेष राहत अभियान चलाते हुए डेजी सहित अन्य गांवों से कुल 65 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है। डीसी मंडी अपूर्व देवगन के अनुसार, थुनाग से करीब 8-9 किलोमीटर दूर स्थित इन गांवों तक पहुंचना बेहद कठिन था क्योंकि रास्ते पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके थे।
सेना और स्थानीय प्रशासन भी जुटे राहत कार्यों में
शुक्रवार सुबह से सेना ने भी सराज घाटी में मोर्चा संभाल लिया है। थुनाग, पियाला डेजी, भराड़ और रूकचूल क्षेत्रों में संयुक्त राहत व बचाव कार्य चलाया जा रहा है। जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्वयंसेवकों और स्थानीय लोगों के सहयोग से बचाव अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा है।
Also Read This : मंडी हिमाचल में भयंकर आपदा: 42 दबे, 13 की मौत, 29 अब भी लापता
38 पंचायतें अब भी संपर्क से बाहर, 55 लोग लापता
सराज की करीब 38 पंचायतें अब भी सड़क संपर्क से कटी हुई हैं और हालात गंभीर बने हुए हैं। मंडी जिले में अब तक इस आपदा में 16 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 55 लोग अभी भी लापता हैं। लापता लोगों की खोजबीन के लिए सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।
सराज घाटी की 80 हजार की आबादी प्रभावित
सोमवार रात से आई आपदा से सराज घाटी की लगभग 80 हजार आबादी जूझ रही है। कई गांवों तक राहत सामग्री पहुंचाना अभी भी चुनौती बना हुआ है। प्रशासन द्वारा प्रभावितों को प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं और अस्थायी शिविरों में ठहरने की व्यवस्था की जा रही है।
जिला प्रशासन की अपील:
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने जनता से संयम बनाए रखने और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है। साथ ही उन्होंने सभी विभागों, स्वयंसेवकों और स्थानीय निवासियों के योगदान की सराहना की है।
Video : दो गर्भवती महिलाओं को किया गया रेस्क्यू, अस्पताल पहुँचाया