नाहन (सिरमौर): माता बाला सुंदरी मंदिर, जो श्रद्धा और आस्था का प्रमुख केंद्र है, को भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए खाद्य सुरक्षा प्रमाणपत्र जारी किया गया है। यह प्रमाणपत्र मंदिर में श्रद्धालुओं को वितरित किए जाने वाले प्रसाद की गुणवत्ता, स्वच्छता और सुरक्षा के उच्च मानकों को प्रमाणित करता है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की विशेष टीम ने मंदिर में पहुँचकर तैयार किए जाने वाले प्रसाद की प्रक्रिया, सामग्री की गुणवत्ता, स्वच्छता व्यवस्था और वितरण प्रणाली का सूक्ष्म निरीक्षण किया। टीम की रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर ट्रस्ट द्वारा अपनाई गई खाद्य सुरक्षा की प्रक्रिया राष्ट्रीय मानकों पर पूर्णतः खरी उतरी है।
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इस अवसर पर खाद्य सुरक्षा विभाग के संयुक्त आयुक्त डॉ. अतुल कायस्थ ने बताया कि भारत सरकार की नई नीति के तहत अब सभी मंदिर ट्रस्टों और धार्मिक संस्थाओं के लिए FSSAI प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य कर दिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को मिलने वाले प्रसाद, भंडारा और अन्य खाद्य सामग्री की गुणवत्ता और सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।
डॉ. कायस्थ ने आगे बताया कि माता बाला सुंदरी मंदिर न्यास ने प्रसाद के निर्माण, भंडारण और वितरण में जिस उच्च स्तर की स्वच्छता और गुणवत्ता का पालन किया है, वह प्रशंसनीय है। यह प्रमाणपत्र न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा की गारंटी है, बल्कि यह मंदिर प्रशासन की जवाबदेही और प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है।
अब माता बाला सुंदरी मंदिर में मिलने वाला प्रसाद श्रद्धा और विश्वास के साथ-साथ प्रमाणित गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा का उदाहरण बन चुका है। यह प्रमाणपत्र श्रद्धालुओं को आश्वस्त करता है कि उन्हें मिलने वाला प्रसाद पूर्णतः स्वच्छ, पोषक और सुरक्षित है।



