माता नैना देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। यह मंदिर देवी सती की आँखों (नयन) के गिरने से जुड़ा है, इसलिए इसे नैना देवी कहा जाता है। एक अन्य कथा के अनुसार, माँ नैना देवी ने यहाँ महिषासुर राक्षस का वध किया था। यह मंदिर समुद्र तल से 3,535 फीट की ऊँचाई पर स्थित है और यहाँ से गोविंद सागर झील का सुंदर दृश्य दिखाई देता है। श्रद्धालु रोपवे या सड़क मार्ग से यहाँ पहुँच सकते हैं। नवरात्रि और श्रावण अष्टमी पर विशेष भव्य आयोजन होते हैं, जिससे यह मंदिर धार्मिक और पर्यटन दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण बन जाता है।
विस्तार
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित माता नैना देवी मंदिर भारत के प्रमुख 51 शक्तिपीठों में से एक है। यह मंदिर देवी दुर्गा के अवतार माँ नैना देवी को समर्पित है और शक्तिपीठ के रूप में इसकी गहरी धार्मिक आस्था है।
पौराणिक कथा और इतिहास
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान विष्णु ने माता सती के शरीर को अपने सुदर्शन चक्र से खंड-खंड कर दिया था, तब उनकी दो आँखें (नयन) इसी स्थान पर गिरी थीं। यही कारण है कि इस स्थान का नाम नैना देवी पड़ा और इसे शक्तिपीठ का दर्जा प्राप्त हुआ।
दूसरी मान्यता के अनुसार, यह मंदिर महिषासुर के वध से भी जुड़ा है। कथा के अनुसार, महिषासुर नामक राक्षस को यह वरदान प्राप्त था कि उसकी मृत्यु एक अविवाहित स्त्री के हाथों होगी। तब देवताओं की प्रार्थना पर माँ नैना देवी प्रकट हुईं और उन्होंने महिषासुर का वध किया। इसी स्थान पर माता की स्थापना हुई और यह मंदिर बना।
मंदिर की स्थापत्य कला और विशेषताएँ
मंदिर समुद्र तल से 3,535 फीट की ऊँचाई पर स्थित है और यहाँ से गोविंद सागर झील का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है। श्रद्धालु यहाँ तक पहुँचने के लिए रोपवे सुविधा का भी उपयोग कर सकते हैं। नवरात्रि के समय इस मंदिर में भारी संख्या में भक्तजन आते हैं और माँ नैना देवी की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
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कैसे पहुँचें?
माता नैना देवी मंदिर चंडीगढ़ से लगभग 100 किमी और बिलासपुर शहर से लगभग 60 किमी की दूरी पर स्थित है। श्रद्धालु बस, टैक्सी या निजी वाहन के माध्यम से यहाँ आसानी से पहुँच सकते हैं।
धार्मिक और पर्यटन महत्व
मंदिर का वातावरण भक्तिमय होने के साथ-साथ पर्यटन की दृष्टि से भी बेहद आकर्षक है। सालभर यहाँ श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। विशेष रूप से नवरात्रि और श्रावण अष्टमी के अवसर पर यहाँ भव्य मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं।
माता नैना देवी मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह भारत की समृद्ध आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक भी है। यहाँ आकर भक्तों को अपार शांति और शक्ति का अनुभव होता है।



