कालाअंब (सिरमौर)। राजकीय प्राथमिक पाठशाला मोगीनंद-2 में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों और अध्यापकों को प्रतिदिन जान हथेली पर रखकर विद्यालय जाना पड़ रहा है। इसका प्रमुख कारण विद्यालय के पास बहता एक बरसाती नाला है, जो हर बारिश के बाद उफान पर आ जाता है।
हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश के कारण इस नाले में आई बाढ़ ने समीप की एक दुकान को क्षतिग्रस्त कर दिया, वहीं एक दवा उद्योग को भी करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। ऐसे में सबसे गंभीर स्थिति उन मासूम विद्यार्थियों की है जिन्हें हर दिन यह उफनता नाला पार कर स्कूल पहुँचना पड़ता है। विडंबना यह है कि इस नाले पर अब तक कोई पुलिया नहीं बनाई गई है।
विद्यालय के कार्यकारी मुख्य अध्यापक (सीएचटी) शमशेर ठाकुर ने जानकारी दी कि बुधवार सुबह मूसलाधार बारिश के कारण बच्चों को एहतियातन समय रहते रोका गया ताकि वे उफनते नाले को पार न करें। जब बारिश थमी, तब बच्चों को सुरक्षित रूप से स्कूल पहुँचाया गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह समस्या हर बरसात के मौसम में विकराल हो जाती है। बीते वर्ष भी ग्रामीणों ने महिला शिक्षकों और बच्चों को नाले के पार पहुंचाने में मदद की थी। यह स्थिति न केवल बच्चों की शिक्षा में बाधा बन रही है, बल्कि उनकी सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
🚨 जनहित में माँग:
स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द इस नाले पर पुलिया का निर्माण कराया जाए, जिससे विद्यार्थियों और शिक्षकों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।