नाहन (सिरमौर)। जिला मुख्यालय नाहन की सड़कों पर लावारिस पशुओं की समस्या लगातार विकराल होती जा रही है। शहर के मुख्य बाजारों से लेकर रिहायशी इलाकों तक ये पशु बेधड़क घूमते नजर आते हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि आमजन का पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है। विशेषकर गुन्नूघाट क्षेत्र, जो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से जुड़ता है, यहां हर दिन लावारिस पशुओं का झुंड देखने को मिलता है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इन पशुओं के पास से गुजरते समय हर पल डर बना रहता है कि कहीं वे हमला न कर दें। कई बार ये पशु अचानक से उग्र व्यवहार कर देते हैं, जिससे राहगीर घायल हो सकते हैं। सबसे ज्यादा खतरा स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को होता है, जिन्हें रोजाना इस मार्ग से गुजरना पड़ता है।
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लोगों ने आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन को बार-बार सूचित करने के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। मेडिकल कॉलेज जाने वाले मरीजों को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ती है, क्योंकि अस्वस्थ अवस्था में सड़क पर इन पशुओं से बचना बेहद कठिन है।
नाहन जैसे जिला मुख्यालय की ये हालत है तो अनुमान लगाया जा सकता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति कितनी भयावह होगी। प्रशासन की निष्क्रियता के कारण आम लोगों की सुरक्षा पर सीधा खतरा मंडरा रहा है।
स्थानीय लोगों की मांग है कि जिला प्रशासन जल्द से जल्द लावारिस पशुओं के लिए कोई स्थायी समाधान निकाले। इन पशुओं को शहर से बाहर किसी संरक्षित स्थल पर स्थानांतरित किया जाए, जहाँ उनके भरण-पोषण और देखभाल की उचित व्यवस्था हो सके। इससे न केवल जनता की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि सड़कों पर यातायात भी सुचारु रूप से चल सकेगा।