नाहन (सिरमौर)। डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, नाहन में अब संक्रमण से बचाव के लिए व्यापक रणनीति पर काम शुरू हो चुका है। अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों, चिकित्सकों और तीमारदारों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए विस्तृत योजना तैयार कर ली है, जिसके तहत संक्रमण नियंत्रण समिति की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए हैं।
वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय पाठक ने बताया कि संक्रमण एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है, खासकर अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थानों में। इसीलिए अस्पताल में हैंड हाईजीन की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) को सख्ती से लागू किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि अभी तक अस्पताल के कई हिस्सों में हाथ सैनीटाइजेशन की सुविधा मौजूद है, लेकिन अब इसे हर वार्ड और ज़रूरतमंद स्थानों तक पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा तीमारदारों को भी संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक किया जाएगा, क्योंकि संक्रमण का सबसे बड़ा जरिया हाथ होते हैं।
चिकित्सकों के लिए एप्रन अनिवार्य, प्रशिक्षुओं को मिलेगी विशेष ट्रेनिंग
डॉ. पाठक ने बताया कि अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों के लिए अब संक्रमण की आशंका वाले मरीजों के निकट एप्रन पहनना अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि वे खुद के साथ-साथ अपने परिजनों को भी संक्रमण से बचा सकें।
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इसके साथ ही मेडिकल प्रशिक्षुओं के लिए विशेष ट्रेनिंग सेशन्स आयोजित किए जाएंगे। अक्सर देखा गया है कि सुई लगाने, टांके लगाने या ब्लड सैंपल लेने के दौरान प्रशिक्षुओं के हाथ में सुई लग जाती है, जिससे वे गंभीर संक्रमण के शिकार हो सकते हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा।
मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट पर भी दिया जाएगा जोर
बैठक में मेडिकल वेस्ट के निष्पादन को लेकर भी चर्चा की गई। प्रबंधन का मानना है कि यदि मेडिकल वेस्ट का सही तरीके से निस्तारण किया जाए, तो संक्रमण को काफी हद तक रोका जा सकता है। इस दिशा में भी अब कड़े और प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।