नाहन में 14 अप्रैल 1940 के मुंबई अग्निकांड के शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि | जानिए इस ऐतिहासिक अग्निकांड की पूरी कहानी

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Sanjay Gupta
By Sanjay Gupta Add a Comment 3 Min Read
अग्नि शहीदों के श्रद्धांजलि देते उपायुक्त सुमित खिमटा Photo : dainikjanvarta
Highlights
  • नाहन में अग्निशमन शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि, 1940 के मुंबई बंदरगाह अग्निकांड के 66 फायर फाइटर्स को किया गया नमन

नाहन, 14 अप्रैल 2025:
जिला मुख्यालय नाहन में आज एक भावुक और गौरवपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें 1940 में मुंबई के बंदरगाह पर हुए ऐतिहासिक अग्निकांड में शहीद हुए 66 अग्निशमन कर्मचारियों को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर उपायुक्त सुमित खिमटा ने शहीदों के बलिदान को नमन किया और उन्हें पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

यह कार्यक्रम न केवल अग्निशमन सेवा के गौरवशाली इतिहास को याद करने का एक अवसर था, बल्कि वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को यह संदेश भी देता है कि देश की सेवा में प्राणों की आहुति देने वाले वीरों को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

क्या हुआ था 14 अप्रैल 1940 को?
14 अप्रैल 1940 को मुंबई के बंदरगाह (Bombay Docks) पर जबरदस्त विस्फोट और आग लग गई थी। एक जहाज में बारूद और विस्फोटक सामग्री के कारण भीषण धमाका हुआ, जिससे पूरा इलाका हिल गया। इस हादसे में जान की परवाह किए बिना आग बुझाने में जुटे 66 बहादुर फायर फाइटर्स शहीद हो गए थे। यह भारत के अग्निशमन इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है।

नाहन में आयोजन क्यों महत्वपूर्ण है?
हालांकि हादसा मुंबई में हुआ था, लेकिन नाहन जैसे छोटे शहर में भी इसे हर वर्ष याद किया जाता है ताकि अग्निशमन सेवा के योगदान को सम्मान मिल सके और लोगों में जागरूकता फैले कि फायर फाइटर्स केवल कर्मचारी नहीं, असली हीरो होते हैं।

उपायुक्त सुमित खिमटा का संदेश:
इस अवसर पर उपायुक्त सुमित खिमटा ने कहा, “यह दिन हमें यह सिखाता है कि कर्तव्य पथ पर चलते हुए जान की परवाह न करने वाले ये वीर सदा हमारे प्रेरणास्त्रोत रहेंगे। अग्निशमन विभाग के साहस और सेवा भावना को नमन करता हूँ।”

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फायर सर्विस डे के रूप में याद किया जाता है यह दिन
14 अप्रैल को पूरे देश में “फायर सर्विस डे” के रूप में मनाया जाता है, और यह कार्यक्रम उसी परंपरा का हिस्सा है।

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