नारायणगढ़, 23 अप्रैल:
राजकीय महाविद्यालय नारायणगढ़ के इतिहास विभाग द्वारा एक विशेष विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें भारत विभाजन की त्रासदी जैसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक विषय को केंद्र में रखा गया। इस व्याख्यान की अध्यक्षता कॉलेज की प्राचार्या डॉ. ख़ुशीला ने की, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. राजेश रांझा, एसोसिएट प्रोफेसर, इतिहास विभाग, पंडित चिरंजीलाल शर्मा राजकीय महाविद्यालय करनाल से आमंत्रित थे।
डॉ. राजेश रांझा ने 1947 में ब्रिटिश शासन से भारत की स्वतंत्रता और उसके साथ हुए विभाजन की पीड़ा पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता जहां गर्व का विषय थी, वहीं विभाजन ने देश को गहरे घाव दिए। उन्होंने विद्यार्थियों को विभाजन से जुड़ी घटनाएं, खूनी संघर्ष, और पाकिस्तान के गठन जैसे पहलुओं से अवगत कराया।
प्राचार्या डॉ. ख़ुशीला ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों को इस तरह के शैक्षणिक कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से विद्यार्थियों का मानसिक और बौद्धिक विकास होता है तथा वे इतिहास की गंभीरताओं को बेहतर ढंग से समझ पाते हैं।
इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने विषय से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे, जिनका डॉ. रांझा ने गहन उत्तर दिया। व्याख्यान ने विद्यार्थियों को भारत विभाजन की ऐतिहासिक गहराई से परिचित कराया।
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इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो. संजीव कुमार ने मुख्य वक्ता व प्राचार्या का धन्यवाद करते हुए कहा कि भारत विभाजन मानवता के लिए एक त्रासदीपूर्ण अनुभव रहा है, जिसे विद्यार्थियों को जानना और समझना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों को इतिहास की सच्चाइयों से रूबरू कराते हैं।
इस अवसर पर महाविद्यालय के अन्य शिक्षकगण – प्रो. संजीव (अंग्रेजी विभाग), प्रो. सुभाष कुमार, प्रो. नरेश कुमार (इतिहास विभाग), प्रो. रेनू कुमारी और डॉ. सतीश कुमार भी उपस्थित रहे।



