नारायणगढ़, 3 मई।
नारायणगढ़ में स्थित अहलूवालिया बिरादरी द्वारा सिख इतिहास के महान योद्धा एवं समाज सुधारक सुलतान उल कौम महाराजा जस्सा सिंह अहलूवालिया जी की 307वीं जयंती को श्रद्धा, गौरव और उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर एक भव्य एवं ऐतिहासिक समारोह का आयोजन किया गया जिसमें बिरादरी के सदस्यों, स्थानीय नागरिकों और विशिष्ट अतिथियों की भारी भागीदारी रही।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक डॉ. पवन सैनी ने महाराजा जस्सा सिंह जी को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया और उनके योगदान को युगों-युगों तक प्रेरणास्रोत बताया। उन्होंने कहा, “महाराजा जस्सा सिंह अहलूवालिया न केवल सिखों के महान योद्धा थे, बल्कि वे एक राष्ट्रनायक भी थे जिन्होंने अपने अद्वितीय साहस और संगठन शक्ति से न केवल सिख कौम, बल्कि समूचे भारतवर्ष की अस्मिता की रक्षा की।”
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डॉ. सैनी ने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने गौरवशाली इतिहास से जुड़ें और महाराजा जस्सा सिंह जी के जीवन से प्रेरणा लें। उन्होंने कहा कि ऐसे महापुरुषों की जीवनी को बच्चों तक पहुँचाना हमारी जिम्मेदारी है जिससे वे अपनी संस्कृति और देश के गौरवपूर्ण अतीत को जान सकें।
इस अवसर पर अहलूवालिया सभा के प्रधान मुकेश वालिया एवं बिरादरी के गणमान्य व्यक्तियों द्वारा डॉ. सैनी को शिरोपा और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
समारोह की शुरुआत पवित्र सुखमणि साहब के पाठ और अरदास के साथ हुई। इसके पश्चात वक्ताओं ने महाराजा जी के जीवन, संघर्ष, नेतृत्व और समाज सुधार के योगदान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने भी समां बांधा और श्रद्धालुओं के लिए लंगर की विशेष व्यवस्था की गई।
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अंत में सभा के पदाधिकारियों ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया और यह संकल्प लिया कि ऐसे आयोजनों के माध्यम से युवा पीढ़ी को अपने इतिहास और विरासत से जोड़ते रहेंगे।
सभा प्रधान मुकेश वालिया ने बताया कि महाराजा जस्सा सिंह अहलूवालिया जी का जन्म 3 मई 1718 को हुआ था। वे ऐसे वीर योद्धा थे जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं का मुकाबला कर सिखों को संगठित किया और देश के सम्मान की रक्षा की। उनका जीवन आज भी हर भारतीय के लिए प्रेरणास्रोत है।
समारोह में नारायणगढ़ क्षेत्र और आसपास से बड़ी संख्या में अहलूवालिया बिरादरी के सदस्य और सम्माननीय नागरिक उपस्थित रहे।