नारायणगढ़ पेपरलेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम: 5 Amazing Benefits for Faster & Transparent लैंड डीड्स

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SDM शिवजीत भारती पेपरलेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम का शुभारम्भ करते हुए : दैनिक जनवार्ता

नारायणगढ़ पेपरलेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम का शुभारंभ

पेपरलेस लैंड डीड रजिस्ट्रेशन के 5 अद्भुत फायदे

पेपरलेस सिस्टम से पारदर्शिता और डेटा सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी

नारायणगढ़ तहसील में पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत

भूमि रजिस्ट्री में समय और कागजी कार्यवाही की बचत

नारायणगढ़ (अंबाला), 11 अगस्त: नारायणगढ़ तहसील में आज एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए नारायणगढ़ पेपरलेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम की शुरुआत की गई। इस पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ एसडीएम शिवजीत भारती ने रिबन काटकर किया। नारायणगढ़ पेपरलेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम का उद्देश्य भूमि रजिस्ट्री की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बनाना, नागरिकों को तेज, सरल और पारदर्शी सेवाएं उपलब्ध कराना है। हरियाणा सरकार की यह पहल राज्य में डिजिटलीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसकी शुरुआत नारायणगढ़ पेपरलेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम से की गई है।

इस अवसर पर रेवेन्यू विभाग के जीएम (आईटी) संदीप सिंह ने एक विशेष प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया, जिसमें अधिकारियों और कर्मचारियों को नारायणगढ़ पेपरलेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम की पूरी प्रक्रिया समझाई गई। प्रशिक्षण में नायब तहसीलदार संजीव अत्री, रजिस्ट्री क्लर्क, पटवारी और अन्य राजस्व विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे।

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नारायणगढ़ पेपरलेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम के तहत नागरिक अपने भूमि संबंधी विवरण, जैसे खसरा नंबर और बेची जाने वाली हिस्सेदारी, सिटीजन पोर्टल पर दर्ज करेंगे। ये जानकारी संबंधित सर्कल रेवेन्यू ऑफिसर के लॉगिन में जाएगी, जहां तहसीलदार या नायब तहसीलदार उसकी जांच और वेरिफिकेशन करेंगे। सही जानकारी मिलने पर उसे स्वीकृत किया जाएगा, जबकि गलत जानकारी पर अस्वीकृति का विकल्प रहेगा।

रजिस्ट्री स्वीकार होने के बाद खरीदार ऑनलाइन स्टांप शुल्क और रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान करेगा। भुगतान करने के बाद खरीदार को पेमेंट स्लिप और अपॉइंटमेंट की तिथि व समय प्राप्त होगा। निर्धारित समय पर विक्रेता, खरीदार और गवाह तहसील में उपस्थित होंगे, जहां चार अलग-अलग डेस्क पर प्रक्रिया पूरी होगी।

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पहले डेस्क पर सभी की हाजिरी दर्ज होगी, दूसरे डेस्क पर फोटो और डिजिटल हस्ताक्षर लिए जाएंगे। तीसरे डेस्क पर साइन, फोटो और डीड की जानकारी की जांच की जाएगी और डिजिटल हस्ताक्षर किए जाएंगे। चौथे डेस्क पर रजिस्ट्री की तीन प्रतियां तैयार की जाएंगी — एक खरीदार को, एक रिकॉर्ड में रखने के लिए और एक पटवारी के पास म्यूटेशन के लिए भेजी जाएगी।

नारायणगढ़ पेपरलेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम के 5 मुख्य फायदे स्पष्ट रूप से सामने आते हैं —
पहला, यह पूरी प्रक्रिया को तेज और आसान बनाता है। दूसरा, इसमें कागजी कार्यवाही खत्म होने से समय और संसाधनों की बचत होती है। तीसरा, पारदर्शिता बढ़ती है क्योंकि हर स्टेप डिजिटल रूप से रिकॉर्ड होता है। चौथा, डेटा सुरक्षा सुनिश्चित होती है, जिससे दस्तावेज़ खोने या छेड़छाड़ की संभावना समाप्त हो जाती है। पांचवां, नागरिकों को एक आधुनिक और विश्वसनीय सेवा अनुभव प्राप्त होता है।

नायब तहसीलदार संजीव अत्री ने बताया कि नारायणगढ़ पेपरलेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम के माध्यम से सेल डीड और हुड्डा लाइसेंस (सुधा कॉलोनी) की रजिस्ट्री भी पूरी तरह ऑनलाइन और पेपरलेस होगी। इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि पारदर्शिता और डेटा सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।

नारायणगढ़ पेपरलेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम क्षेत्र में भूमि रजिस्ट्री प्रक्रिया को नई दिशा देगी। अब नागरिक घर बैठे रजिस्ट्री के लिए आवेदन कर सकेंगे और केवल अंतिम सत्यापन के लिए तहसील कार्यालय आएंगे। इससे न केवल आम लोगों की सुविधा बढ़ेगी बल्कि सरकारी कर्मचारियों के लिए भी कार्यप्रवाह सुचारू होगा।

डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण से देखा जाए तो नारायणगढ़ पेपरलेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम एक प्रेरणादायक उदाहरण है। यह न केवल तकनीक के प्रभावी उपयोग को दर्शाता है, बल्कि सरकारी सेवाओं को आम जनता के लिए और अधिक सुलभ बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। उम्मीद है कि यह पायलट प्रोजेक्ट सफल होगा और जल्द ही पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।

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