समाचार विस्तार
बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश), 22 अप्रैल: हिमाचल के बिलासपुर ज़िले में नौकरी का लालच देकर चार पूर्व‑सैनिकों से कुल ₹20.35 लाख हड़पने का सनसनीख़ेज़ मामला सामने आया है। भराड़ी थाना पुलिस ने शिकायत मिलने पर संजय ठाकुर उर्फ “लक्की”, नीतीश कुमार और लवप्रीत सिंह के ख़िलाफ़ IPC की धाराओं 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) सहित अन्य प्रावधानों में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ऐसे रची गई ठगी की पटकथा
मई 2022: सेना से सेवानिवृत्त कमलेश कुमार (निवासी घुमारवीं) को उनके सैन्य मित्र त्रिलोक चंद ने बताया कि हमीरपुर निवासी संजय ठाकुर बैंक ऑफ बड़ौदा में भर्ती दिला सकता है।
₹7 लाख की डिमांड: संजय ने प्रति नियुक्ति शुल्क बताया; भरोसा बढ़ाने के लिए ‘चल रही भर्ती’ का हवाला दिया।
पहला भुगतान: 26 मई 2022 को कमलेश ने संजय को ₹5,000 कैश, 28 मई को साथी नीतीश कुमार के खाते में ₹30,000 ऑनलाइन ट्रांसफ़र किये।
अन्य पीड़ित जुड़ते गये: कमलेश के तीन पूर्व‑सैनिक मित्र—दिल्ली के घनश्याम, राजस्थान के शीशराम और ओमाराम—भी जाल में फँसे।
फ़र्जी ज्वाइनिंग लेटर: विश्वास कायम रखने के लिए आरोपियों ने सबको नकली नियुक्ति पत्र थमा दिये।
पीड़ितों से ऐंठी गई राशि :
कमलेश कुमार (घुमारवीं) 8,85,000
घनश्याम (दिल्ली) 9,00,000
शीशराम (राजस्थान) 1,50,000
ओमाराम (राजस्थान) 1,00,000
कुल 20,35,000
पुलिस कार्रवाई एवं अपील
डीएसपी घुमारवीं चंद्रपाल सिंह ने पुष्टि की कि आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज है और डिजिटल लेन‑देन के साक्ष्य एकत्रित किये जा रहे हैं। जनता से अपील है कि “नौकरी दिलाने के नाम पर कोई भी अग्रिम भुगतान न करें; संदिग्ध गतिविधि तुरंत नज़दीकी पुलिस स्टेशन को सूचित करें।”
सतर्कता ही सुरक्षा है: बिना सत्यापन के भुगतान करना आपको आर्थिक व कानूनी जोखिम में डाल सकता है।
भराड़ी पुलिस बैंक खातों की लेन‑देन रिपोर्ट, कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) व ईमेल प्रामाणिकता जांच रही है। शीघ्र ही आरोपियों की गिरफ्तारी या अंतरिम जमानत पर सुनवाई संभव है। अदालत में दोष सिद्ध होने पर 7 साल तक की सज़ा और जुर्माना हो सकता है।
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