ऑनलाइन ट्रेडिंग फ्रॉड पर एलर्ट: हिमाचल में ₹1 करोड़ की ठगी, साइबर पुलिस ने दी चेतावनी
धर्मशाला/शिमला। हिमाचल प्रदेश में ऑनलाइन धोखाधड़ी का एक बड़ा मामला सामने आया है। धर्मशाला के रहने वाले एक पूर्व बैंक अधिकारी को ऑनलाइन ट्रेडिंग फ्रॉड का शिकार होना पड़ा, जिसमें उन्होंने अपनी मेहनत की कमाई से करीब ₹1 करोड़ की राशि गंवा दी। यह मामला 3 सितंबर को सामने आया, जब पीड़ित ने पुलिस से शिकायत दर्ज करवाई।
सूत्रों के अनुसार, धोखेबाज़ों ने पूर्व अधिकारी को एक व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल किया, जहां उन्हें स्टॉक मार्केट में तगड़ा मुनाफा दिलाने का लालच दिया गया। शुरू में नकली स्क्रीनशॉट और फर्जी लेन-देन दिखाकर अधिकारी को भरोसे में लिया गया। इसके बाद धीरे-धीरे उनसे बड़ी रकम निवेश करवाई गई। जब रकम वापस निकालने की बारी आई तो पूरे पैसे हड़पकर ठग फरार हो गए।
कैसे हुआ ऑनलाइन ट्रेडिंग फ्रॉड?
साइबर सेल की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पीड़ित को पहले छोटे-छोटे लाभ दिखाए गए। हर निवेश पर ऑनलाइन पोर्टल के जरिए “प्रॉफिट” जोड़कर उन्हें विश्वास दिलाया गया कि उनकी कमाई बढ़ रही है। पीड़ित ने भरोसे में आकर बार-बार निवेश किया और देखते ही देखते ₹1 करोड़ से ज्यादा की राशि ठगों के खाते में ट्रांसफर कर दी।
साइबर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह एक संगठित ऑनलाइन ट्रेडिंग फ्रॉड गैंग है, जो लोगों को लुभावने ऑफर देकर अपने जाल में फंसाता है।
हिमाचल में बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड के मामले
पिछले एक साल में हिमाचल प्रदेश में साइबर अपराधों के मामलों में तेज़ी आई है। खासकर ऑनलाइन ट्रेडिंग फ्रॉड, डिजिटल लोन ऐप्स के जाल और फर्जी इनाम जीतने वाले संदेशों के कारण कई लोग लाखों रुपए गवां चुके हैं। साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, अपराधी लगातार नए-नए तरीके अपना रहे हैं, जिससे लोग आसानी से शिकार हो जाते हैं।
धर्मशाला का यह मामला सबसे बड़ा है क्योंकि इसमें रकम सीधे ₹1 करोड़ तक पहुंच गई है। इससे पहले मंडी, शिमला और ऊना में भी लाखों की धोखाधड़ी के मामले सामने आ चुके हैं।
पुलिस की चेतावनी
हिमाचल प्रदेश साइबर सेल ने इस घटना के बाद लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। पुलिस का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति आपको स्टॉक मार्केट में गारंटीड प्रॉफिट या बहुत कम समय में दोगुना-तिगुना रिटर्न देने का वादा करे, तो यह लगभग निश्चित रूप से ऑनलाइन ट्रेडिंग फ्रॉड होता है।
पुलिस ने सुझाव दिया है कि:
किसी भी अंजान व्हाट्सएप या टेलीग्राम ग्रुप में शामिल न हों।
अंजान लिंक पर क्लिक करने से बचें।
निवेश करने से पहले अधिकृत वित्तीय संस्थानों और मान्यता प्राप्त ब्रोकर्स की जानकारी लें।
कोई भी संदिग्ध गतिविधि तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या नजदीकी थाने में दर्ज कराएं।
विशेषज्ञों की राय
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि ऑनलाइन ट्रेडिंग फ्रॉड की सबसे बड़ी वजह है लोगों की जल्दी अमीर बनने की चाह। ठग इसी मानसिकता का फायदा उठाते हैं। शुरुआत में छोटे-छोटे लाभ दिखाकर भरोसा जीतते हैं और फिर एक झटके में लाखों-करोड़ों की ठगी कर लेते हैं।
विशेषज्ञों ने कहा कि निवेश केवल उन्हीं प्लेटफॉर्म्स पर करना चाहिए, जो SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) द्वारा अधिकृत हों।
पीड़ित की पीड़ा
पीड़ित पूर्व बैंक अधिकारी का कहना है कि उन्होंने अपने पूरे करियर की कमाई और रिटायरमेंट फंड इस ट्रेडिंग में निवेश कर दिया था। उन्हें उम्मीद थी कि कुछ अतिरिक्त आय मिल जाएगी, लेकिन आज सब कुछ खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें शुरुआत में ही सतर्क किया जाता, तो वे इस जाल में न फंसते।
निष्कर्ष:
यह मामला हिमाचल प्रदेश के लिए एक गंभीर चेतावनी है। ऑनलाइन ट्रेडिंग फ्रॉड केवल शहरी इलाकों में ही नहीं, बल्कि छोटे कस्बों तक पहुंच चुका है। लोगों को सतर्क और जागरूक रहना होगा।
Also Read :
Inspiring Story: संगड़ाह में गर्भवती महिला को 12 किलोमीटर चारपाई पर उठाकर पहुंचाया अस्पताल, जच्चा-बच्चा Safe
सरकार और पुलिस लगातार साइबर सुरक्षा पर काम कर रही है, लेकिन सबसे बड़ा हथियार है जन-जागरूकता। जब तक लोग बिना जांचे-परखे निवेश करना बंद नहीं करेंगे, ऐसे ऑनलाइन ट्रेडिंग फ्रॉड गैंग अपने शिकार ढूंढते रहेंगे।
ये भी पढ़ें :
सिरमौर पुलिस की कार्रवाई में नशा तस्कर व सटोरिया गिरफ्तार, चिट्टा और स्मैक बरामदगी



