शिमला,हिमाचल प्रदेश। हाल ही में मंडी जिले के पंडोह क्षेत्र में बादल फटने की घटना के बाद, पंडोह डैम में भारी मात्रा में लकड़ियां जमा होने के मामले ने गंभीर रूप ले लिया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस मामले को आपराधिक जांच विभाग (CID) को सौंपने के आदेश दिए हैं। सरकार को आशंका है कि यह केवल प्राकृतिक बहाव नहीं, बल्कि अवैध कटान से जुड़ा मामला भी हो सकता है।
प्रवक्ता के अनुसार, बादल फटने और मूसलाधार बारिश के बाद बड़ी संख्या में पेड़ों के तने और लकड़ी पंडोह डैम में तैरते देखे गए, जिसके वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। जनता की चिंता और मीडिया में उठ रहे सवालों को देखते हुए सरकार ने इसकी गंभीरता से जांच करवाने का निर्णय लिया है।
देखें Video : 👉 बादल फटने के बाद पंडोह डैम में तैरती दिखी भारी मात्रा में लकड़ी
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इस जांच से यह स्पष्ट किया जाएगा कि इतनी भारी मात्रा में लकड़ी कैसे और कहां से आई। क्या यह वन माफिया की साजिश है या फिर प्राकृतिक आपदा का परिणाम?
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का प्राथमिक लक्ष्य आपदा के दौरान मानव जीवन की रक्षा और प्रभावितों को राहत और पुनर्वास देना है। वहीं दूसरी ओर, भाजपा नेताओं द्वारा इस संवेदनशील मामले पर दिए गए राजनीतिक बयानों को लेकर सरकार ने नाराजगी भी जताई है। प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा सरकार के समय भी अवैध कटान की घटनाएं हुईं लेकिन कोई निष्पक्ष जांच नहीं करवाई गई।



