संक्षिप्त सार
यह मामला बिजली बोर्ड में बढ़ते भ्रष्टाचार और सरकारी अधिकारियों की मनमानी को उजागर करता है। सरकार को चाहिए कि वह RTI कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे और इस मामले की पारदर्शी जांच कराए।
समाचार विस्तार
सिरमौर, पांवटा साहिब: हिमाचल प्रदेश में सरकारी विभागों की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। पांवटा साहिब में बिजली बोर्ड की कथित मनमानी और भ्रष्टाचार का एक मामला सामने आया है, जहां RTI कार्यकर्ता चतर सिंह का बिजली कनेक्शन नियमों को ताक पर रखकर काट दिया गया।
RTI कार्यकर्ता चतर सिंह ने उठाए सवाल
नाहन में आयोजित पत्रकार वार्ता में चतर सिंह ने बताया कि जब उन्होंने बिजली बोर्ड में RTI के तहत जानकारी मांगी, तो अधिकारियों ने गुस्से में आकर उनका बिजली कनेक्शन ही काट दिया। उनका कनेक्शन 22 दिनों तक बाधित रहा, जिससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
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18 सालों तक रहा वैध, अब हो गया अवैध
चतर सिंह ने सवाल उठाया कि यदि उनके घर पर लगा मीटर अवैध था, तो बिजली बोर्ड 18 सालों तक उसका बिल कैसे भेजता रहा और भुगतान कैसे स्वीकार करता रहा? उन्होंने दावा किया कि जब उन्होंने RTI के माध्यम से मीटर की जानकारी निकाली, तो पता चला कि यह मीटर बद्दी बरोटीवाला से खरीदकर नाहन कार्यालय भेजा गया था और वहां से पांवटा साहिब भेजा गया।
बिजली बोर्ड के पास नहीं रिकॉर्ड
हैरानी की बात यह है कि स्थानीय बिजली बोर्ड के पास इन मीटरों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। इससे अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। चतर सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने जब बिजली बोर्ड के उच्चाधिकारियों से शिकायत की, तो भ्रष्टाचार छुपाने के लिए मामले को दबाने की कोशिश की गई।
मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जांच की मांग
चतर सिंह ने मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री से अपील की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए। साथ ही, यदि वह दोषी पाए जाते हैं, तो उन पर भी नियमानुसार कार्रवाई की जाए।