शिमला: हिमाचल प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों का आंदोलन उग्र रूप लेता जा रहा है। शिक्षक संघ ने साफ कहा है कि निलंबन और झूठी एफआईआर से 25 हजार शिक्षक डरने वाले नहीं हैं। संघ का आरोप है कि सरकार आंदोलन को कुचलने के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन कर रही है।
सोलन जिला के छह शिक्षक अमित, नसीब चंद, गुरमेल सिंह, जगदीश चंद, कमल कुमार और दौलत राम क्रमिक अनशन पर बैठ चुके हैं। बुधवार दोपहर से यह अनशन शुरू हुआ है।
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प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला शिमला अध्यक्ष प्रमोद चौहान ने कहा कि शिक्षकों पर झूठे केस दर्ज किए जा रहे हैं और निलंबन की कार्रवाई से डराने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों ने महंगाई भत्ता तक नहीं मांगा और प्राकृतिक आपदा के समय सरकार को वेतन सहयोग भी दिया।
संघ का कहना है कि शिक्षा निदेशालय के पुनर्गठन पर आवाज उठाने के बाद ही यह दमनकारी कार्रवाई शुरू हुई है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर को वास्तविक स्थिति से अवगत नहीं कराया जा रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, क्रमिक अनशन जारी रहेगा। शिक्षक संघ ने मांग की है कि प्राथमिक शिक्षा का अलग निदेशालय हो, पदोन्नति के लाभ बहाल किए जाएं, 20 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके शिक्षकों को विशेष वेतन वृद्धि मिले और हायर ग्रेड पे की विसंगतियां दूर की जाएं।
संघ ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द वार्ता नहीं हुई तो हाईकोर्ट का रुख किया जाएगा।