दैनिक जनवार्ता नेटवर्क
शिमला। हिमाचल प्रदेश कबड्डी टीम का राष्ट्रीय स्तर पर चयन होने के बाद टीम को लेकर विवाद छिड़ गया है। विवाद की वजह ये बताई जा रही है कि उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को चयन समिति ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
आरोप है कि जो खिलाड़ी लंबे समय से उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे थे उन्हें टीम में शामिल नहीं किया गया है। उनकी जगह सिफारिशी खिलाड़ियों को टीम में जगह दी गई है। इससे मेहनती खिलाड़ियों के स्वाभिमान को ठेस पहुंची है और वो खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
बहरहाल, सीधे तौर पर चयन कमेटी पर आरोप लगाया गया है कि कमेटी ने सिफारिशी खिलाड़ियों को टीम में जगह दी है। इस संदर्भ में बीते कल भारी संख्या में खेल प्रेमियों ने नालागढ़ में एसडीएम कार्यालय तक रोष रैली भी निकाली।
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खेल प्रेमी निन्दू ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की चुनी गई राज्य स्तरीय कबड्डी टीम में उन खिलाड़ियों को जगह दी गई है जिनका शून्य प्रदर्शन रहा है। ऐसे में मुख्य टीम में चार से पांच खिलाड़ी ऐसे शामिल किए गए हैं जिनकी सिफारिश की गई है। निन्दू ठाकुर ने कहा कि पिछले दो वर्षों से प्रदेश के सभी कबड्डी टूर्नामेंटों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 4-5 खिलाड़ियों को टीम से बाहर कर दिया गया है, जोकि खिलाड़ियों के साथ सरासर अन्याय है।
लिहाजा, रोष रैली के दौरान खेल प्रेमियों ने एसडीएम नालागढ़ को ज्ञापन सौंपकर प्रदेश सरकार और खेल मंत्रालय से मांग की है कि राज्य स्तर पर चुनी गई कबड्डी टीम को खारिज करके पुनः टीम का चयन योग्यता और प्रदर्शन को मद्देनजर रखते हुए किया जाए। यदि सरकार ने इस संदर्भ में कोई कारगर कदम नहीं उठाया तो मजबूरन जनता को सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने के लिए विवश होना पड़ेगा।
चयन कमेटी के प्रभारी अजय ठाकुर ने बताया कि नालागढ़ से 8 और पूरे प्रदेश से चार खिलाड़ी टीम में शामिल किए गए हैं। ऐसा पहली बार हुआ है। उन्होंने बताया कि जिला ऊना से 38 खिलाड़ी आए हुए थे। उनमें से मात्र एक खिलाड़ी का चयन हुआ है। यदि फिर भी चयन में गड़बड़ लग रही है, तो संघ से बोलकर दोबारा चयन करा सकते हैं। उन्होंने इस आरोप का भी खंडन किया है कि टीम में किसी सिफारिशी को नहीं लिया गया है।



