संक्षिप्त सार
एम्स बिलासपुर में बनने वाली वीआरडीएल लैब से हिमाचल प्रदेश और आसपास के राज्यों में संक्रामक रोगों की पहचान, अनुसंधान और रोकथाम में नई क्रांति आएगी। यह लैब महामारी नियंत्रण, नए वायरस पर अनुसंधान, और दवा तथा वैक्सीन के विकास में अहम भूमिका निभाएगी। इस कदम से स्वास्थ्य सेवाओं को नई गति मिलेगी और क्षेत्र में रोगों से निपटने की क्षमता में जबरदस्त सुधार होगा।
विस्तृत खबर
बिलासपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर में अब वायरस अनुसंधान और निदान के लिए अत्याधुनिक वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लैब (वीआरडीएल) स्थापित की जा रही है। इस प्रयोगशाला का उद्देश्य समय पर वायरस की पहचान करना, संक्रामक रोगों की रोकथाम और महामारी नियंत्रण में सहायता करना है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने शुक्रवार को इस प्रयोगशाला का शिलान्यास किया।
डेढ़ साल में तैयार होगी लैब, 30 करोड़ की लागत से होगा निर्माण
एम्स बिलासपुर में बनने वाली यह रीजनल वीआरडीएल लैब देशभर में 165वीं होगी और क्षेत्रीय स्तर पर यह अपनी तरह की 11वीं प्रयोगशाला होगी। इस अत्याधुनिक प्रयोगशाला को 1,279 वर्ग मीटर क्षेत्र में करीब 30 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा। इसे डेढ़ वर्ष के भीतर पूर्ण रूप से चालू करने का लक्ष्य रखा गया है।
वायरस टेस्टिंग के लिए नहीं जाना होगा पुणे, हिमाचल को मिलेगी नई सुविधा
अब तक वायरस से संबंधित परीक्षणों के लिए सैंपल पुणे भेजे जाते थे, जिससे रिपोर्ट आने में देरी होती थी। लेकिन अब वीआरडीएल प्रयोगशाला के शुरू होने से हिमाचल प्रदेश और आसपास के राज्यों के मरीजों को समय पर सटीक निदान मिलेगा।
वीआरडीएल लैब के प्रमुख कार्य और विशेषताएँ
संक्रामक बीमारियों की त्वरित पहचान – उभरते वायरस और नए संक्रमणों की त्वरित और सटीक पहचान की सुविधा मिलेगी।
वायरस आधारित बीमारियों पर शोध – डेंगू, चिकनगुनिया, जापानी एन्सेफलाइटिस, स्वाइन फ्लू, कोविड-19 सहित अन्य वायरस जनित रोगों पर गहन अनुसंधान किया जाएगा।
उन्नत परीक्षण तकनीक – आरटी-पीसीआर (Reverse Transcription Polymerase Chain Reaction) और अन्य आधुनिक परीक्षण उपलब्ध होंगे।
संक्रमण की निगरानी और महामारी नियंत्रण – राज्य और केंद्र सरकार को महामारी की स्थिति को समझने में मदद मिलेगी।
वैक्सीन और दवा विकास में सहायता – विषाणुजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए एंटीवायरल दवाओं और वैक्सीन के विकास में सहयोग मिलेगा।
हिमाचल में स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगा बढ़ावा
यह प्रयोगशाला राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करेगी और संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगी। इससे न केवल मरीजों को जल्दी इलाज मिलेगा, बल्कि सरकार को सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने में भी सहायता मिलेगी।