प्रदेश में राजस्व अदालतों को निर्धारित समय में निपटाने होंगे सभी मामले, नए नियमों में किया गया प्रावधान

प्रदेश में राजस्व अदालतों का कामकाज हिमाचल प्रदेश भू राजस्व अधिनियम 1992 के तहत होता है। लेकिन अब इसमें संशोधन होने के बाद नए नियम बनाये जा रहे हैं, जिनमें सभी मामलों को तय समय सीमा में निपटना जरूरी होगा।

Sanjay Gupta
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  • अब राजस्व अदालतों में मामले ज्यादा दिन लंबित नहीं रखे जा सकेंगे

दैनिक जनवार्ता नेटवर्क
शिमला। हिमाचल प्रदेश में राजस्व अदालतों में चल रहे मामलों को निर्धारित समय सीमा में निपटाए जाएंगे। प्रदेश सरकार ने इसके लिए कमेटी का गठन करने के बाद काम शुरू कर दिया है। आगामी माह मार्च में नियम नियम बनाकर इसको लागू कर दिया जाएगा।

प्रदेश में तकसीम, बंदोबस्त, इंतकाल और अन्य राजस्व मामलों को निर्धारित समय में निपटाने के लिए नियम बनाये जा रहे हैं। इन नियमों के तहत राजस्व अदालतों में मामले लम्बे समय तक लंबित नहीं रखे जा सकेंगे।

प्रदेश में राजस्व अदालतों का कामकाज हिमाचल प्रदेश भू राजस्व अधिनियम 1992 के तहत होता है। लेकिन अब इसमें संशोधन होने के बाद नए नियम बनाये जा रहे हैं, जिनमें सभी मामलों को तय समय सीमा में निपटना जरूरी होगा।

ऐसे मामलों को निर्धारित समय सीमा में न निपटाए जाने की स्थिति में सम्बंधित अधिकारी को इसका लिखित कारण बताना होगा। यदि किसी प्रकार की लापरवाही पाई गई तो कार्रवाई भी की जाएगी।

बता दें कि अभी तक्सीम के मामलों के लिए कुल नौ महीने का समय निर्धारित है, जबकि निशानदेही के लिए तीन माह और इंतकाल के लिए एक महीने का समय रखा गया है।

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि राजस्व मामलों को समयबद्ध तरीके से निपटाने के लिए नियम बनाये जा रहे हैं। मार्च माह में इन नियमों को लागू कर दिया जाएगा। इन नियमों के तहत प्रावधान किया गया है कि राजस्व अधिकारी आम जनता के काम लटका नहीं सकेंगे।

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