शिमला में साइबर ठगी का शिकार बने रिटायर्ड अधिकारी, 28 लाख की धोखाधड़ी से टूटा परिवार

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Sanjay Gupta
By Sanjay Gupta Add a Comment 3 Min Read
सांकेतिक फोटो : दैनिक जनवार्ता
Highlights
  • 28 लाख की साइबर ठगी: शिमला के रिटायर्ड अधिकारी को पॉलिसी के नाम पर फंसाया, परिवार ने भी छोड़ा साथ

शिमला: आधुनिक तकनीक का दुरुपयोग करते हुए साइबर अपराधी अब रिटायर्ड कर्मचारियों और अधिकारियों को अपना निशाना बना रहे हैं। ताजा मामला हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से सामने आया है, जहां एक सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी से करीब 28 लाख रुपये की ठगी की गई है।

इस घटना ने न सिर्फ पीड़ित बुजुर्ग की आर्थिक स्थिति को हिला दिया है, बल्कि उनका पारिवारिक जीवन भी बर्बाद कर दिया। ठगी का शिकार होने के बाद जब बुजुर्ग ने अपने परिवार को इस बारे में बताया, तो गलतफहमी के चलते पत्नी और बच्चे उन्हें छोड़कर चले गए।

पीड़ित ने आखिरकार साहस जुटाकर साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करवाई। शिकायत मिलते ही साइबर सेल ने तुरंत एक्शन लेते हुए स्थानीय पुलिस स्टेशन को सूचित किया। इसके बाद एक एएसआई रैंक के जांच अधिकारी को मौके पर भेजा गया, जिन्होंने बुजुर्ग के बयान दर्ज किए और बैंक डिटेल की जांच शुरू की।

ऐसे हुआ फ्रॉड
साइबर क्राइम सेल के अनुसार, यह ठगी वर्ष 2020 में शुरू हुई थी, जब ठगों ने बुजुर्ग से संपर्क कर एक फर्जी निवेश पॉलिसी में पैसे लगाने को कहा। उच्च रिटर्न और सुरक्षा का लालच देकर उन्हें 28 लाख रुपये का निवेश करवाया गया। इसके बाद न तो उन्हें कोई रिटर्न मिला और न ही उन लोगों से संपर्क हो सका।

मानसिक और भावनात्मक आघात:
बुजुर्ग ने बताया कि वह अब घर में अकेले रहते हैं और इस ठगी के चलते मानसिक रूप से बेहद परेशान हैं। उन्होंने परिवार को यह बात छिपाकर रखी थी, लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो परिवार ने उन्हें गलत समझा और साथ छोड़ दिया।

साइबर सेल की चेतावनी और अपील:
साइबर क्राइम सेल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी अनजान कॉल, मैसेज या ईमेल से मिलने वाले निवेश के प्रस्तावों पर भरोसा न करें।

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