Shocking Disaster News: चंबा में भारी बारिश से 85 सड़कें बंद, 1200 गाँवों में पसरा अंधेरा

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चम्बा में एक सड़क बंद : दैनिक जनवार्ता

चंबा में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, सैकड़ों सड़कें और गांवों का संपर्क टूटा

चंबा। हिमाचल प्रदेश का चंबा जिला इन दिनों प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहा है। सोमवार से मंगलवार तक लगातार हुई चंबा में भारी बारिश ने जिले के जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। मूसलधार बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन हुआ, पहाड़ दरक गए और सैकड़ों सड़कें बंद हो गईं। भरमौर-पठानकोट हाईवे समेत करीब 85 सड़कों पर यातायात ठप है। भटियात, होली और पांगी घाटी का जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह टूट गया है।

सड़कें बंद और यातायात बाधित

चंबा में भारी बारिश का सबसे बड़ा असर सड़कों पर देखने को मिल रहा है। भरमौर-पठानकोट हाईवे पट्टी दी हट्टी, खड़ा मुख, धौणा, गहरा, धरवाला, कलसुई, राख, रजेरा, मैहला, चनेड़, केरू पहाड़ और लाहडू के पास बार-बार भूस्खलन से बंद हो रहा है। इसके अलावा लाहडू–चुवाड़ी वाया जोत मार्ग, लंगेरा–संगणी मार्ग और चंबा–तीसा मार्ग भी कई जगहों पर बाधित हैं। इन मार्गों पर मलबा हटाने और सड़क बहाली का काम लगातार जारी है, लेकिन बारिश रुक-रुक कर हो रही है, जिससे प्रशासन को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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यातायात ठप होने से लोग अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पा रहे। स्कूली बच्चों, ऑफिस जाने वाले कर्मचारियों और मरीजों को अस्पताल तक पहुंचने में भारी दिक्कतें हो रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी प्रभावित हो गई है।

बिजली और पानी की किल्लत

लगातार चंबा में भारी बारिश से बिजली आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। जिले में 289 ट्रांसफार्मर ठप हो गए हैं, जिससे करीब 1,200 गांव अंधेरे में डूब गए हैं। रात होते ही लोगों को मोमबत्ती और लालटेन के सहारे गुज़ारा करना पड़ रहा है। बिजली न होने से मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवाएं भी ठप हैं, जिसके कारण संचार व्यवस्था प्रभावित हो रही है।

इसी तरह, 173 पेयजल योजनाएं भी बाधित हो गई हैं। पानी की किल्लत से लोग रोज़मर्रा की जरूरतों के लिए परेशान हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग पीने का पानी लाने के लिए लंबी दूरी तय कर रहे हैं।

घर और गोशालाएं ढहीं

चंबा में भारी बारिश ने केवल सड़कों और बिजली-पानी को ही प्रभावित नहीं किया, बल्कि कई घर और गोशालाएं भी ढह गई हैं। बारिश और भूस्खलन के कारण कुछ परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी। ग्रामीण इलाकों में पशुओं के मरने की भी सूचना है, जिससे किसानों और पशुपालकों को भारी नुकसान हुआ है।

प्रशासन और राहत कार्य

प्रशासन लगातार राहत और बहाली के कार्यों में जुटा है। एनएच और मुख्य सड़कों पर मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं, लेकिन लगातार चंबा में भारी बारिश होने के कारण काम में बाधा आ रही है। जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बिना जरूरी काम के घरों से बाहर न निकलें और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहें।

आपदा प्रबंधन की टीमों को अलर्ट पर रखा गया है। प्रभावित परिवारों को अस्थायी राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है। प्रशासन ने राहत सामग्री और आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं।

आर्थिक और सामाजिक नुकसान

लगातार चंबा में भारी बारिश से जिले की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सेब और मक्की की फसलें प्रभावित हुई हैं। खेतों में खड़ी फसलें पानी में डूब गई हैं और मिट्टी कटाव से भूमि को नुकसान पहुंचा है। पशुपालन करने वाले परिवारों के गोशालाओं और पशुओं को नुकसान होने से उनका जीवन भी संकट में पड़ गया है।

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पर्यटन उद्योग, जो चंबा की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा है, पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। सड़कें बंद होने और खराब मौसम के कारण पर्यटक यहां आने से बच रहे हैं। होटल और होम-स्टे संचालकों को भी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी चंबा में भारी बारिश की संभावना जताई है। अलर्ट जारी कर प्रशासन और आम जनता से सतर्क रहने की अपील की गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगस्त का यह दौर बरसात का सबसे सक्रिय समय होता है, ऐसे में पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और अधिक हो सकता है।

जनता की परेशानी

ग्रामीण इलाकों में लोग सबसे ज्यादा परेशान हैं। बिजली और पानी की समस्या के साथ-साथ बाजार से रोज़मर्रा का सामान लाना भी मुश्किल हो गया है। कई गांवों के लोग प्रशासन से सड़क और पानी की आपूर्ति बहाल करने की मांग कर रहे हैं। वहीं, छात्र और नौकरीपेशा लोग परिवहन सुविधाओं के ठप होने से भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

निष्कर्ष:
कुल मिलाकर, लगातार चंबा में भारी बारिश ने जिले में जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। सड़कें, बिजली, पानी, घर और खेती—हर क्षेत्र प्रभावित है। राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन मौसम की मार ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। जरूरत इस बात की है कि लोग सतर्क रहें, प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और ऐसी परिस्थितियों में धैर्य बनाए रखें।

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