सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर 286 दिन बाद अंतरिक्ष से धरती पर लौटे, स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन की सफल लैंडिंग

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Sanjay Gupta
By Sanjay Gupta Add a Comment 4 Min Read
पैराशूट के मध्यम से समुद्र में हुई सफल लैंडिंग : सोशल मीडिया
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  • सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर 286 दिन बाद धरती पर लौटे, स्पेसएक्स कैप्सूल ने फ्लोरिडा में की सफल लैंडिंग

संक्षिप्त सार : भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बैरी विल्मोर ने 286 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद सफलतापूर्वक धरती पर वापसी की। वे स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल के जरिए बुधवार तड़के फ्लोरिडा के मैक्सिको की खाड़ी में सुरक्षित लैंड हुए।
लैंडिंग के दौरान 7 मिनट तक कैप्सूल और मिशन कंट्रोल के बीच संपर्क टूट गया, जिसे कम्युनिकेशन ब्लैकआउट कहा जाता है। हालांकि, इस चुनौती को पार करते हुए स्पेसक्राफ्ट ने सुरक्षित लैंडिंग की। सुनीता विलियम्स और उनके साथी स्वस्थ हैं और उनकी वापसी को नासा और स्पेसएक्स के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। इस मिशन ने अंतरिक्ष अन्वेषण में मानव क्षमताओं की नई ऊंचाइयों को छुआ है।

समाचार विस्तार :

भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बैरी विल्मोर ने 286 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद सफलतापूर्वक धरती पर वापसी की है। वे स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल के जरिए बुधवार तड़के 3:27 बजे अमेरिका के फ्लोरिडा में मैक्सिको की खाड़ी में सुरक्षित लैंड हुए। इस ऐतिहासिक लैंडिंग को स्पेसएक्स और नासा के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।

ब्लैकआउट के दौरान अटका सबका सांस
हालांकि, यह वापसी इतनी आसान नहीं थी। लैंडिंग के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब अंतरिक्ष यात्रियों को वापस ला रहे क्रू ड्रैगन कैप्सूल से मिशन कंट्रोल का संपर्क 7 मिनट के लिए टूट गया। इसे कम्युनिकेशन ब्लैकआउट कहा जाता है। इस दौरान पूरा मिशन कंट्रोल रूम चिंता में डूब गया।

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जब कोई स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है, तो उसकी गति लगभग 28,000 किमी/घंटा होती है। इतनी तेज रफ्तार से प्रवेश करने पर वायुमंडल से घर्षण होता है, जिससे अत्यधिक गर्मी उत्पन्न होती है। इस घर्षण के कारण तापमान 1650 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जिससे स्पेसक्राफ्ट के क्रैश होने का खतरा बढ़ जाता है।

ब्लैकआउट का समय – सबसे संवेदनशील पल
संपर्क टूटने के इन सात मिनटों के दौरान स्पेसक्राफ्ट और मिशन कंट्रोल के बीच कोई संचार नहीं होता। हालांकि, स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन ने इस चुनौती को सफलतापूर्वक पार कर लिया और संपर्क फिर से बहाल हो गया। इसके बाद, पैराशूट की सहायता से स्पेसक्राफ्ट ने सुरक्षित लैंडिंग की।

सुनीता विलियम्स – एक प्रेरणा
भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स का नाम नासा के सबसे अनुभवी अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल है। उन्होंने अपने करियर में अब तक कुल 500 से अधिक दिन अंतरिक्ष में बिताए हैं। इस मिशन में उन्होंने और उनके साथी बैरी विल्मोर ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग किए और वहां के उपकरणों की मरम्मत भी की।

अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी
लैंडिंग के तुरंत बाद, रेस्क्यू टीम ने चारों अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला और उनकी मेडिकल जांच की गई। रिपोर्ट के अनुसार, सभी यात्री स्वस्थ और सुरक्षित हैं।

स्पेसएक्स और नासा की बड़ी उपलब्धि
यह मिशन स्पेसएक्स और नासा के संयुक्त प्रयासों की एक और बड़ी सफलता है। यह दर्शाता है कि स्पेसएक्स की क्रू ड्रैगन कैप्सूल तकनीक न केवल सुरक्षित है बल्कि भविष्य में चंद्रमा और मंगल जैसे गहरे अंतरिक्ष मिशनों के लिए भी पूरी तरह सक्षम है।

निष्कर्ष
सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर की 286 दिन की अंतरिक्ष यात्रा की सफल वापसी ने अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। यह मिशन न केवल विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह मानव साहस और दृढ़ संकल्प की मिसाल भी है।

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