टांडा मेडिकल कॉलेज रैगिंग केस: सीनियर एमबीबीएस छात्र निलंबित, 1.5 लाख रुपये जुर्माना

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Sanjay Gupta
By Sanjay Gupta Add a Comment 3 Min Read
टांडा मेडिकल कॉलेज : दैनिक जनवार्ता
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  • टांडा मेडिकल कॉलेज कांगड़ा में रैगिंग मामला: सीनियर एमबीबीएस प्रशिक्षु डेढ़ साल के लिए निलंबित, 1.5 लाख रुपये जुर्माना

कांगड़ा, 19 मार्च : हिमाचल प्रदेश के डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज (टांडा मेडिकल कॉलेज) में रैगिंग और मारपीट का एक गंभीर मामला सामने आया है। होली के दिन घटी इस घटना में एक सीनियर एमबीबीएस प्रशिक्षु ने जूनियर छात्र के साथ रैगिंग और मारपीट की। इस मामले में कॉलेज प्रबंधन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी छात्र को डेढ़ साल के लिए निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही उस पर 1.5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

जानें पूरा मामला
घटना के अनुसार, होली के अवसर पर एक सीनियर छात्र ने जूनियर एमबीबीएस छात्र के साथ दुर्व्यवहार किया। घटना की शिकायत मिलने के बाद कॉलेज प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एंटी रैगिंग कमेटी को इसकी जांच सौंपी। कमेटी ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट में सीनियर छात्र को दोषी पाया, जिसके बाद यह सख्त कदम उठाया गया।

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कॉलेज प्रशासन की प्रतिक्रिया
टांडा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. मिलाप शर्मा ने कहा:

“एंटी रैगिंग कमेटी ने मामले की बारीकी से जांच की और अपनी रिपोर्ट में दोषी छात्र पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने आरोपी को डेढ़ साल के लिए निलंबित करने और डेढ़ लाख रुपये जुर्माना लगाने का फैसला लिया।”

उन्होंने यह भी कहा कि कॉलेज में रैगिंग की घटनाओं को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

पुलिस को दी गई सूचना
इस मामले में कॉलेज प्रशासन ने पुलिस को भी सूचित किया है। हालांकि, जूनियर छात्र ने अपना नाम गुप्त रखने की अपील की है, जिसे कॉलेज प्रशासन ने स्वीकार कर लिया है।

2008 के अमन काचरू रैगिंग केस की याद
इस घटना ने 2008 में हुए अमन काचरू रैगिंग मामले की यादें ताजा कर दी हैं। टांडा मेडिकल कॉलेज में ही सीनियर छात्रों द्वारा रैगिंग के कारण अमन काचरू की मौत हो गई थी। इस दुखद घटना के बाद से ही एंटी रैगिंग कानून को कड़ा किया गया और कॉलेजों में रैगिंग रोकने के लिए सख्त नियम बनाए गए।

एंटी रैगिंग कमेटी की भूमिका
एंटी रैगिंग कमेटी का गठन छात्रों की सुरक्षा और सहायता के लिए किया गया है। इस कमेटी में वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षाविद और छात्र प्रतिनिधि शामिल होते हैं। किसी भी रैगिंग की शिकायत पर जल्द से जल्द जांच कर सख्त कार्रवाई की जाती है।

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