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शिमला। हिमाचल प्रदेश में दसवीं और बारहवीं कक्षा की वार्षिक परीक्षाओं में खराब प्रदर्शन करने वाले शहरी स्कूलों के शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। शिमला स्थित स्कूल शिक्षा निदेशालय में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन शहरी स्कूलों का पिछले तीन वर्षों (2022-23, 2023-24 और 2024-25) में दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में परीक्षा परिणाम 25 प्रतिशत से कम रहा है, वहां नियुक्त शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को दूसरे जिलों में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके साथ ही उनके खिलाफ नियमानुसार विभागीय जांच भी शुरू की जाएगी।
शिक्षा मंत्री ने साफ कहा कि शहरी स्कूलों में सरकार की ओर से पर्याप्त सुविधाएं दी जा रही हैं, ऐसे में खराब परीक्षा परिणाम दुर्भाग्यपूर्ण है और अब इस पर सख्ती बरती जाएगी। सभी जिला उपनिदेशकों को एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है, ताकि कार्रवाई अमल में लाई जा सके।
बैठक में यह भी तय किया गया कि 25 फीसदी से कम परिणाम देने वाले कुल 54 प्रिंसिपलों की एसीआर (वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट) में रेड एंट्री की जाएगी। इसमें 12वीं कक्षा में खराब परिणाम देने वाले 5 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों के प्रिंसिपल, 10वीं कक्षा में खराब परिणाम देने वाले 23 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों के प्रिंसिपल और 24 उच्च स्कूलों के प्रिंसिपल शामिल हैं।
👉 कम परिणाम देने वाले शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी होंगे
बैठक में यह भी तय हुआ कि विषयवार खराब परिणाम देने वाले शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। यदि उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया, तो उनकी वार्षिक वेतनवृद्धि (इंक्रीमेंट) रोक दी जाएगी। शिक्षा मंत्री ने हर स्कूल में प्रतिमाह औचक निरीक्षण करने और शिक्षकों से गैर-शिक्षण कार्य न्यूनतम करवाने के भी निर्देश दिए।
बैठक में स्कूल शिक्षा निदेशक आशीष कोहली, स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव मेजर विशाल शर्मा समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।